फिजूलखर्ची पर ममता सरकार सख्त, मंत्रियों के शाही खर्च पर लगाई रोक

punjabkesari.in Friday, Jul 06, 2018 - 03:24 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। वाममोर्चा सरकार के कार्यकाल से शुरू हुआ कर्ज लेने का सिलसिला जारी है। इसी बीच राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरकारी फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने का फैसला लिया है। उन्होंने मंत्रियों और अधिकारियों के यात्रा और भोजन पर किए गए खर्चों में कटौती के निर्देश दिए हैं। यह कटौती सीएम के साथ लंच के दौरान भी साफ दिखाई दी। अधिकारियों और मंत्रियों की थाली से रोहू मछली और पनीर के व्यंजन शामिल नहीं थे। 

अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक 
ममता ने वीरवार को राज्य सचिवालय नवान्न में अपने मंत्रियों और विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान  सीएम ने सबको सख्ती से "एक व्यक्ति, एक वाहन" नीति का पालन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एक से अधिक विभागों को संभालने वाले कुछ मंत्रियों और नौकरशाहों को कई वाहन मिल रहे हैं। यह तुरंत बंद होना चाहिए और प्रत्येक के लिए केवल एक वाहन आवंटित किया जाएगा। इसके साथ ही बनर्जी ने यह भी घोषणा की कि नौकरशाहों और मंत्रियों के विदेशी दौरे पर कोई प्रस्ताव नहीं दिया जाएगा जब तक कि वह मंजूरी न दे।

जन कल्याण योजनाओं में नहीं होगी कटौती
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में सीएम ने कहा कि सरकारी फंड आम जनता के लिए है। जनता के पैसों से अनावश्यक खर्च करने व विलासिता की छूट नहीं दी सकती। हम जो भी बचत करेंगे, उसका विकास कार्यों में इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस साल हमें कर्ज चुकाने के लिए 46,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा और सरकारी कर्मियों का महंगाई भत्ता देने के लिए 5,000 करोड़ रुपये की जरुरत होगी। ममता ने कहा कि फिजूलखर्ची रोकने के लिए विभागीय अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए सरकारी अधिकारियों की काउंसिलिंग करने की भी जरूरत है। वहीं सीएम ने केंद्र सरकार पर उपेक्षा का भी आरोप लगाया। 

गाड़ी खरीदने में कटौती
बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार सूबे में अधिकारियों और मंत्रियों पर हो रहे खर्चे को कम करने की वकालत करती रही हैं। उन्होंने पिछले दिनों ही 12 विभागों को एक-दूसरे से जोड़ने की कवायद की है। खर्चों में कटौती के लिए जो निर्णय लिए गए हैं उसके तहत सरकारी कार्यक्रमों के आयोजन, आयोजन स्थल की साज-सज्जा पर न्यूनतम खर्च, गाड़ी खरीदने में कटौती, इकॉनमी क्लास में उड़ान भरने और बड़े होटलों में कॉन्फ्रेंस और बैठकें नहीं करने का निर्देश है। इसके अलावा खर्च कम करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को बढ़ावा देने और कहीं आने-जाने के लिए कैब को प्राथमिकता देने की बात कही गई है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

vasudha

Recommended News

Related News