कांग्रेस शासित प्रदेश में ममता बनर्जी को करना पड़ा विरोध का सामना, लगे ''जय श्री राम'' के नारे

punjabkesari.in Tuesday, Dec 06, 2022 - 07:43 PM (IST)

नेशनल डेस्कः मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंगलवार को राजस्थान के दौरे पर पहुंची। जहां उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा है। दरअसल, ममता बनर्जी राजस्थान के पुष्कर शहर में पहुंची। ममता के काफिले के सामने लोगों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए। हालांकि ममता बनर्जी का काफिला हालांकि नहीं रुका। सीएम के काफिले में शामिल एक चश्मदीद ने बताया कि जिस शख्स ने ममता बनर्जी का काफिला देखा और नारेबाजी की उसका पुलिस ने पीछा किया. हालांकि अभी यह पता नहीं चल पाया है कि वह व्यक्ति पकड़ा गया है या नहीं।

बता दें कि ममता बनर्जी मंगलवार दोपहर करीब डेढ़ बजे राजस्थान के अजमेर शरीफ गई थीं। वहां चादर चढ़ाकर वह पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर गई थीं। जैसे ही उनका काफिला मंदिर से निकल रहा था, सड़क पर खड़े एक व्यक्ति ने ‘जय श्री राम’ का नारा लगाया।

जय श्रीराम के नारे को लेकर ममता के साथ हो चुका है विवाद
बता दें कि ममता बनर्जी को देखकर लगाये गये ‘जय श्रीराम’ के नारों ने पहले भी कई बार विवाद पैदा हो चुका है। मई 2019 में पूर्वी मिदनापुर में चंद्रकोना के पास मुख्यमंत्री के काफिले को देखकर कुछ लोगों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगा थे। ममता बनर्जी ने नारा सुनते ही गाड़ी रोकने को कहा था। इसके बाद वह कार का दरवाजा खोलकर सड़क पर आ गई थी। नारेबाजी कर रहे युवक भाग रहे हैं। मुख्यमंत्री उनकी ओर गईं और कहीं…आओ आओ! क्यों भाग रहे हो?” ममता बनर्जी की कार को कई बार देखने के बाद बंगाल के अलग-अलग हिस्सों में ‘जय श्रीराम’ का नारा गूंज उठा था। तृणमूल नेता कभी नाराज दिखीं, तो कभी आपा खोती नजर आईं थी।

नाराज होकर पीएम मोदी की उपस्थिति में नहीं दिया था भाषण
कुछ दिन पहले जब अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के समर्थन में रैली करने गई थीं। तब भी वही घटना दोहराई गई थी। लेकिन उस वक्त ममता बनर्जी ने आपा नहीं खोया था। बाद में भाषण में उन्होंने कहा, ”मुझे जय श्रीराम के नारे से कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन वे कभी जय सियाराम क्यों नहीं कहते। ममता बनर्जी सबसे ज्यादा परेशान 23 जनवरी 2021 को विक्टोरिया मेमोरियल में सुभाष चंद्र बोस के जयंती समारोह में ‘जय श्री राम’ की आवाज सुनकर हुई थीं। मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे, लेकिन ममता ने इसके विरोध में भाषण नहीं दिया था। ममता ने सरकारी समारोहों में धार्मिक नारों का विरोध करने वाले भाषणों का बहिष्कार किया था।


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Content Writer

Yaspal

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