Cough Syrup Ban: इन राज्यों में कफ सिरप पर लगा बैन, बेचा या इस्तेमाल किया तो मिलेगी इतने साल की सज़ा
punjabkesari.in Tuesday, Oct 07, 2025 - 05:52 PM (IST)

नेशनल डेस्क। राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप से हुई बच्चों की मौत की दुखद घटनाओं के बाद देश के कई राज्यों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए विभिन्न कफ सिरप (Cough Syrups) पर प्रतिबंध (Ban) लगा दिया है। इस कार्रवाई का उद्देश्य मिलावटी और अनियंत्रित दवाओं से होने वाली आगे की दुर्घटनाओं को रोकना है।
कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाने वाले प्रमुख राज्य
कई राज्यों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बिक्री और उपयोग पर सख्त निर्देश जारी किए हैं। प्रतिबंध लगाने वाले प्रमुख राज्यों में शामिल हैं:
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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh): यहां 'कोल्ड्रिफ' और 'नेस्ट्रो डीएस' जैसे सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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राजस्थान (Rajasthan): मध्य प्रदेश की तर्ज पर राजस्थान में भी तत्काल प्रतिबंध लागू किया गया है।
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केरल (Kerala)
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तमिलनाडु (Tamil Nadu)
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)
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पंजाब (Punjab)
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महाराष्ट्र (Maharashtra): यहां सिरप के संबंध में अलर्ट जारी किया गया है।
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छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh): इस राज्य में 2 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कफ सिरप के उपयोग पर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और निगरानी बढ़ा दी गई है।
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बैन का उल्लंघन करने पर क्या है सज़ा का प्रावधान?
भारत में प्रतिबंधित या मिलावटी कफ सिरप बेचना एक बेहद गंभीर आपराधिक मामला माना जाता है जिसके लिए सख्त सज़ा का प्रावधान है:
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मृत्यु होने पर सज़ा: औषधि एवं प्रशासन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 27(A) के तहत यदि कोई व्यक्ति मिलावटी दवा बेचकर किसी की मृत्यु का कारण बनता है तो उसे कम से कम 10 साल या आजीवन कारावास तक की सज़ा हो सकती है।
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अन्य दंड: भारतीय न्याय संहिता के तहत भी मिलावटी दवाई बेचने का दोषी पाए जाने पर एक साल तक की जेल हो सकती है।
जन जागरूकता और सुरक्षा उपाय
राज्य सरकारें और स्वास्थ्य विभाग जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं:
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बच्चों के लिए चेतावनी: माता-पिता को सलाह दी गई है कि वे 2 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कफ सिरप का इस्तेमाल तुरंत बंद कर दें।
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निगरानी: फार्मेसी, अस्पताल और दवा वितरकों पर कड़ी निगरानी की जा रही है। अधिकारियों द्वारा प्रतिबंधित सिरप को बेचने या लिखने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और कई राज्यों में औषधि नियंत्रकों को निलंबित भी किया गया है।
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स्टॉक फ्रीज: प्रतिबंधित सिरप के स्टॉक को जब्त (फ्रीज) कर लिया गया है।