महात्मा गांधी को किसी ‘शाखा शिक्षित'' के प्रमाणपत्र की ज़रूरत नहीं : कांग्रेस

punjabkesari.in Wednesday, May 29, 2024 - 11:24 PM (IST)

नेशनल डेस्क : कांग्रेस ने महात्मा गांधी के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक टिप्पणी को लेकर बुधवार को उन पर निशाना साधा और कटाक्ष करते हुए कहा कि बापू को किसी 'शाखा शिक्षित' के प्रमाणपत्र की ज़रूरत नहीं है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि प्रधानमंत्री अब "झूठ का झोला उठाकर जाने वाले हैं।'' कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि जिन लोगों का दृष्टिकोण (आरएसएस की) शाखाओं में बनता है वो महात्मा गांधी को नहीं समझ सकते क्योंकि वे सिर्फ नाथूराम गोडसे को समझते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने समाचार चैनल 'एबीपी न्यूज' को दिए साक्षात्कार में कहा कि रिचर्ड एटनबरो की 1982 में आई फिल्म 'गांधी' के बनने तक दुनिया को महात्मा गांधी के बारे में ज्यादा पता नहीं था।

प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी ने एक वीडियो जारी कर कहा कि दुनिया को देखने का जिन लोगों का नजरिया शाखाओं में बनता है वो महात्मा गांधी को नहीं समझ सकते वो गोडसे को समझते हैं और गोडसे के रास्ते को ही अपनाते हैं। उन्होंने 'एक्स" पर पोस्ट किया, "महात्मा गांधी वो सूर्य हैं जिसने पूरे विश्व को अंधेरों से लड़ने की ताकत दी। सत्य और अहिंसा के रूप में बापू ने दुनिया को ऐसा मार्ग दिखाया, जो कमज़ोर से कमज़ोर व्यक्ति को भी अन्याय के खिलाफ खड़े होने का साहस देता है।" राहुल गांधी ने कहा कि महात्मा गांधी को किसी 'शाखा शिक्षित' के प्रमाणपत्र की ज़रूरत नहीं है।

उन्होंने 'एक्स' पर अपने एक अन्य पोस्ट में कटाक्ष करते हुए कहा कि सिर्फ 'एंटायर पॉलिटिकल साइंस' के छात्र को ही महात्मा गांधी के बारे में जानने के लिये फिल्म देखने की ज़रूरत रही होगी। खरगे ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "जिनके वैचारिक पूर्वज नाथूराम गोडसे के साथ महात्मा गांधी जी की हत्या में शामिल थे, वो बापू द्वारा दिखाए गए सत्य के मार्ग पर कभी नहीं चल सकते। अब वह झूठ का झोला उठाकर जाने वाले हैं।'' कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने गांधी की विरासत को नष्ट किया है।

उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "पता नहीं निवर्तमान प्रधानमंत्री कौन सी ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां 1982 से पहले महात्मा गांधी दुनिया भर में नहीं माने जाते थे। यदि किसी ने महात्मा की विरासत को नष्ट किया है तो वह स्वयं निवर्तमान प्रधानमंत्री ही हैं। वाराणसी, दिल्ली और अहमदाबाद में उनकी ही सरकार ने गांधीवादी संस्थाओं को नष्ट किया।'' रमेश का कहना था, "यही आरएसएस कार्यकर्ताओं की पहचान होती है कि वे महात्मा गांधी के राष्ट्रवाद को नहीं जानते। उनकी विचारधारा ने जो माहौल बनाया था, उसी वजह से नाथूराम गोडसे ने गांधीजी की हत्या की।'' उन्होंने दावा किया, "2024 का चुनाव महात्मा भक्त और गोडसे भक्त के बीच में हुआ है। निवर्तमान प्रधानमंत्री और उनके गोडसे भक्त साथियों की हार ज़ाहिर है।''


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News Editor

Parveen Kumar

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