इस वजह से सिनेमा से नफरत करते थे बापू, पूरे जीवन में सिर्फ इस एक्टर से की थी मुलाकात

punjabkesari.in Friday, Oct 02, 2020 - 11:32 AM (IST)

नई दिल्ली: 'फदर ऑफ द नेशन' महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) को देश आजाद कराने के लिए जाना जाता है। हर साल की तरह इस साल भी 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी का जन्मदिन मनाया जाना हैं। भारतीय इतिहास में इनका नाम सबसे प्रेरणादायक महापुरूषों में शुमार है। इन्होंने भारत के स्वतंत्रता दिलाने के लिए निस्वार्थ भाव से योगदान दिया था। वो अपने जीवन का हर कार्य शांति और प्रेम से करने में विश्वास रखते थे। महात्मा गांधी को कई चीजे पसंद थी लेकिन एक चीज ऐसी भी है जिसे वो बिल्कुल पसंद नहीं करते थे। बता दें उस दौर में भी सिनेमा लगभग सभी को पसंद था लेकिन महात्मा गांधी को सिनेमा से नफरत थी। यहा तक की वो अखबारों में एक्टर और एक्ट्रेस की तस्वीरों की भी आलोचना किया करते थे। 

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सिर्फ एस एक्टर के करीब थे गांधी
वहीं अपने जीवन में उन्होंने सिर्फ एक ही एक्टर से मुलाकात की थी और वो थे 'बलराज साहनी' (Balraj sahani)। भीष्म साहनी की किताब बलराज माई ब्रदर (Balraj my Brother) में इस बात का जिक्र किया गया है कि गांधी ने बलराज साहनी के साथ कई बार मुलाकात की थी। बलराज इंडियन पीपल शिएटर (Indian people theater) के सदस्य थे। बलराज ने फिल्म इंडस्ट्री जॉइन करने पहले कई सालों तक गांधी के सेवाग्राम आश्रम में अपना जीवन बिताया है। इसलिए वो गांधी जी के काफी करीब थे और उनसे मिलते रहते थे।

सिनेमा को नहीं करते थे पसंद
अपने पूरे जीवन में महात्मा गांधी ने सिर्फ दो ही फिल्में देखी हैं। एक इंग्लिश और एक हिंदी। उन्होंने अपनी पहली फिल्म साल 1943 में 'मिशन टू मॉस्को' देखी थी। खबरों के मुताबिक गांधी की एसोसिएट मीराबेन ने इस फिल्म को देखने के लिए उन्हें मनाया था। ये फिल्म रूस के एंबेसेडर जोसेफ डेविस की बायोपिक थी। लेकिन इस फिल्म में महिलाओं को न्यूड दिखाया गया है जिसे देख गांधी काफी भड़क गए थे।

पूरे जीवन में सिर्फ दो फिल्में ही देखीं
सूत्रों के मुताबिक गांधी ने वहां मौजूद लोगों को न्यूड सीन दिखाने के लिए डांटा भी था। वहीं इसके बाद आर्ट डायरेक्टर कन्नु देसाई ने महात्मा गांधी को एक हिंदी फिल्म देखने के लिए मना लिया। इस फिल्म का नाम था राम राज्य। कन्नु देसाई इस फिल्म के आर्ट डायरेक्टर थे। बता दें इस फिल्म को विजय भट्ट ने प्रोड्यूस किया था। कन्नु देसाई कि ये फिल्म देखने के लिए गांधी इस लिए मान गए थे क्योंकि उनका कहना था कि उन्होंने पहले ही एक इंग्लिश फिल्म देखने की गलती कर दी है। तो अब वो एक हिंदी फिल्म तो जरूर देखेंगे।


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Anil dev

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