महाराष्ट्र चुनाव आयोग ने ECI को लिखा पत्र, SIR के प्लान पर जताई असमर्थता
punjabkesari.in Monday, Sep 22, 2025 - 05:19 PM (IST)

नेशनल डेस्क : महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) ने भारत निर्वाचन आयोग (ECI) को पत्र लिखकर स्पष्ट कर दिया है कि राज्य अभी विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के लिए तैयार नहीं है। पत्र में जोर देकर कहा गया है कि स्थानीय निकाय चुनावों के बाद ही SIR प्रक्रिया शुरू की जाए। सूत्रों ने यह जानकारी साझा की है।
30 सितंबर तक SIR की तैयारी करें पूरी: ECI
दरअसल, भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राज्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि वे 30 सितंबर तक SIR के लिए पूरी तैयारी कर लें। इससे संकेत मिलता है कि आयोग अक्टूबर-नवंबर में मतदाता सूची के सुधार की इस प्रक्रिया को शुरू करने की योजना बना रहा है। SIR के तहत मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण किया जाता है, जो चुनावों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
महाराष्ट्र की दलील: मैनपावर की कमी
महाराष्ट्र निर्वाचन आयोग के सूत्रों अनुसार राज्य ने पहले भी ECI को पत्र लिखकर SIR को स्थानीय निकाय चुनावों के बाद करने की मांग की थी। अब एक बार फिर से रिमाइंडर भेजा जाएगा। सूत्रों के अनुसार, SIR और चुनाव दोनों प्रक्रियाओं में एक ही मैनपावर का उपयोग होता है, जिसे वर्तमान में SIR के लिए उपलब्ध कराना संभव नहीं है। महाराष्ट्र में मैनपावर की कमी के कारण दोहरी जिम्मेदारी निभाना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।
31 जनवरी से पहले होंगे स्थानीय निकाय चुनाव
16 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया था कि स्थानीय निकाय चुनाव 31 जनवरी 2026 तक पूर्ण कर लिए जाएं। ओबीसी आरक्षण को लेकर 2022 से चले आ रहे विवाद के कारण ये चुनाव लगातार टलते जा रहे थे। कोर्ट के इस फैसले ने राज्य में लंबित पड़े निकाय चुनावों को गति प्रदान की है, लेकिन इससे SIR की समयबद्धता पर असर पड़ रहा है।
देशभर में SIR घोषणा की उम्मीद
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही ECI द्वारा देशभर में SIR की तारीखों का उद्घोष होने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक, यह घोषणा अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह में की जा सकती है। बिहार में SIR की अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित कर दी जाएगी।
बिहार में SIR को लेकर भारी विवाद हुआ था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और RJD नेता तेजस्वी यादव ने इसका विरोध करते हुए यात्राएं निकालीं और चुनाव आयोग तथा BJP पर वोट चोरी के आरोप लगाए। अधिकांश राज्यों में पिछला SIR 2002 से 2004 के बीच किया गया था, इसलिए नई प्रक्रिया चुनावी पारदर्शिता के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। महाराष्ट्र का यह रुख अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण साबित हो सकता है, जहां संसाधनों की कमी चुनावी तैयारियों में बाधा बन रही है।