महाराष्ट्र के मंत्री का दावा, जल्द खत्म होगा अन्ना का अनशन

punjabkesari.in Tuesday, Mar 27, 2018 - 10:53 AM (IST)

नई दिल्ली: लोकपाल बिल और किसानों की मांगों को लेकर रामलीला मैदान में बैठे अन्ना हजारे जल्द अनशन तोड़ सकते हैं। महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने मध्यस्ता के तौर सोमवार को करीब 1 घंटा अन्ना से मुलाकात के बाद इस तरह का विश्वास जताया। उन्होंने बताया कि अन्ना की 11 मांगे हैं, जिनमें से ज्यादातर पर काम हो रहा है। सरकार सकारात्मक मोड में है। आंदोलन की मांगों पर संबंधित मंत्रियों से चर्चा के बाद अनशन टूट जाना चाहिए।  आंदोलन की कोर कमिटी के सदस्यों के मुताबिक, अनशन के चौथे दिन अन्ना का वजन 4 किलो तक घट गया है। अभी रक्तचाप सामान्य है।

हालांकि, अन्ना ने शाम को कहा कि केंद्र सरकार लिखित में दे, कौन सी मांगे कब-कब पूरी होंगी? मैं प्राण त्याग दूंगा, लेकिन सिर्फ आश्वासन से नहीं हटूंगा। अन्ना ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस का भी फोन आया, उनसे बात नहीं की। महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन निमित्त मात्र हैं। आंदोलन की चर्चा ऊपर तक चल रही है। केंद्र सरकार की ओर से ठोस निर्णय की जरूरत है। अन्ना ने कहा कि संसद में विपक्ष भी कमजोर है। यही वजह है कि केंद्र में शासित नेताओं को दबाव नहीं हो रहा। इसीलिए आंदोलन की जरूरत है। लोकतंत्र में जनता मालिक है। चुनाव से पहले वायदे करने वाले दल यदि सरकार बनाने पर काम नहीं करता है, तो चुनाव आयोग को इनके खिलाफ कार्रवाई करने का हक होना चाहिए।

छुट्टियां लेकर पहुंच रहे युवा
आंदोलन में कई युवा ऐसे भी दिखाई दिए, जो हफ्ते-हफ्तेभर की छुट्टियां लेकर पहुंचे हैं। नोएडा की मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले बंटी ने बताया कि उसने 6 दिनों की छुट्टी ली हुई है। रोज सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक रामलीला मैदान में रहता हूं। अनशन पर बैठे और आंदोलन में आए किसानों की देखभाल करते हैं। प्यासे लोगों को पानी पिलाने की ड्यूटी कर रहे हैं।

कम भीड़ से कोई दिक्कत नहीं
सोनीपत से आए किसान रामबाबू ने बताया कि वे अन्ना के पिछले आंदोलन में भी दिल्ली आए थे। इस बार कम भीड़ जरूर है, लेकिन कोई दिक्कत नहीं है। आंदोलनकारियों का हौसला बुलंद है। अन्ना भी कहते हैं कि पिछली बार 70 कैमरे कवर कर रहे थे, अब 7 कैमरे हैं। भीड़ कम होने में इसका असर भी है।

शिफ्टों में काम कर रहे कार्यकर्त्ता
रामलीला मैदान में अन्ना के आंदोलन का प्रबंधन युवाओं की टीम ने संभाल रखा है। कोर कमेटी से जुड़े सदस्यों के पास वॉकी-टॉकी भी है। सभी की ड्यूटी शिफ्टों के मुताबिक लगी हुई है। दिल्ली के आस-पास रहने वाले कार्यकर्ता ड्यूटी कर घर चले जाते हैं, जबकि जो दूर-दराज से आए हैं, वे ग्राउंड में ही रुकते हैं।


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