Maharashtra: GBS के 2 और मामले आए सामने, कुल संख्या हुई 205

punjabkesari.in Friday, Feb 14, 2025 - 11:09 AM (IST)

नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र में 2 और लोगों में ‘गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस)' की पुष्टि होने के साथ ही यहां इस विकार के मामलों की संख्या 205 तक पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि पुष्ट मामलों की संख्या 177 है, जिनमें से 20 मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया हैं।

अधिकारी ने आगे बताया कि अब तक इससे 8 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में इस विकार के अधिकतर मामले पुणे में सामने आए हैं। अधिकारियों ने पहले बताया था कि मुंबई के एक अस्पताल में जीबीएस से 53 वर्षीय एक व्यक्ति की भी मौत हो गई, जो तंत्रिका विकार के कारण शहर में पहली मौत थी। जीबीएस तंत्रिका संबंधी एक दुर्लभ विकार है, जिसमें व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है, जिससे शरीर के हिस्से अचानक सुन्न पड़ जाते हैं। मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है और कुछ निगलने या सांस लेने में भी दिक्कत होती है।

जानिए क्या है GBS?
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ तंत्रिका संबंधी विकार है, जिसमें शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (immune system) अपने ही तंत्रिका तंतु (nerves) पर हमला करती है। इस विकार के कारण व्यक्ति के मांसपेशियों में कमजोरी, सुन्नापन और कभी-कभी सांस लेने या निगलने में भी समस्या हो सकती है। GBS का मुख्य कारण आमतौर पर एक वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण (जैसे फ्लू, नजला, या डायरीया)
के बाद होता है। शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमण से लड़ने के दौरान, कभी-कभी यह गलती से तंत्रिका तंतु पर हमला कर देती है, जिससे नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है।

GBS के सामान्य लक्षण:-
- शरीर के हिस्सों में अचानक सुन्नपन या झनझनाहट
- मांसपेशियों में कमजोरी, खासकर पैरों और हाथों में
- सांस लेने में दिक्कत (जो गंभीर मामलों में हो सकती है)
- निगलने में कठिनाई
यह विकार आमतौर पर गंभीर हो सकता है, लेकिन यदि समय रहते इलाज शुरू किया जाए, तो कई मामलों में मरीज ठीक भी हो सकते हैं। इलाज में इम्युनोग्लोबुलिन थेरेपी या प्लाज्मा एक्सचेंज (plasma exchange) जैसी प्रक्रियाओं का उपयोग किया जाता है।


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Content Editor

Harman Kaur

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