मजिस्ट्रेट अपने क्षेत्राधिकार के बाहर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश नहीं दे सकता: अदालत

punjabkesari.in Friday, Apr 14, 2017 - 08:57 PM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि कोई मजिस्ट्रेट वैसे क्षेत्र में किसी थाना प्रभारी को किसी संज्ञेय अपराध की जांच का निर्देश नहीं दे सकता जो उसके क्षेत्राधिकार से बाहर हो। उच्च न्यायालय के समक्ष दावा किया गया कि सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत क्षेत्राधिकार का इस्तेमाल कर रहा मजिस्ट्रेट एेसे थाने के थाना प्रभारी को प्राथमिकी दर्ज करके जांच का निर्देश नहीं दे सकता है, जो उसके स्थानीय क्षेत्राधिकार में नहीं पड़ता। 

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व के फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि सीआरपीसी की धारा 156 (1) के विपरीत धारा 154 किसी थाने के भीतर हुए अपराध के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने पर पाबंदी नहीं बतलाता है। अदालत ने कहा, ‘‘इसलिए अगर अपराध थाना क्षेत्र के बाहर भी हुआ हो तब भी थाने के प्रभारी प्राथमिकी दर्ज करेंगे और मामले की जांच करेंगे। हालांकि, कोई मजिस्ट्रेट सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत थाने के प्रभारी को अपने क्षेत्राधिकार के बाहर जांच करने का निर्देश नहीं दे सकता है।’’  अदालत ने क्षेत्राधिकार के अभाव के मुद्दे पर मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को निरस्त कर दिया। 


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