भारत मे HIV/AIDS को लेकर आई बुरी खबर, इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज, डॉक्टरों ने जताई गंभीर चिंता
punjabkesari.in Tuesday, Dec 02, 2025 - 10:07 PM (IST)
नेशनल डेस्क: विश्व एड्स दिवस पर एक बार फिर देश में HIV/AIDS को लेकर जागरूकता बढ़ाने की ज़रूरत पर जोर दिया जा रहा है। बदलती जीवनशैली, असुरक्षित यौन संबंधों में वृद्धि और सेक्स एजुकेशन की भारी कमी के कारण यह संक्रमण तेजी से फैल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अब भी समाज और सरकार नहीं जागे, तो आने वाली पीढ़ियों को इसका भारी नुकसान झेलना पड़ेगा।
“भारत खतरे की ओर बढ़ रहा है”- वरिष्ठ चिकित्सक ने जताई चिंता
देश के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. विनोद रैना (MD मेडिसिन), जो 25 वर्षों तक HIV मरीजों का इलाज कर चुके हैं, बताते हैं कि कई देशों ने जागरूकता और स्वास्थ्य कार्यक्रमों की वजह से HIV को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया, लेकिन भारत अब भी पिछड़ रहा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “अगर अभी भी सक्रियता नहीं दिखाई गई, तो संक्रमण आने वाले वर्षों में डरावना रूप ले लेगा।”
यूरोप-अमेरिका ने जागरूकता बढ़ाई, भारत अभी भी पीछे
70–80 के दशक में यूरोप और अमेरिका HIV की चपेट में आए, लेकिन खुली बातचीत, सेक्सुअल हेल्थ की शिक्षा और मजबूत कम्युनिटी हेल्थ प्रोग्राम्स ने वहां संक्रमण रोक दिया। डॉ. रैना के अनुसार भारत में स्थिति उलट है- युवा बिना प्रोटेक्शन के संबंध बना रहे हैं, ग्रामीण युवा शहरों में पहुंचकर जानकारी की कमी के कारण संक्रमित हो रहे हैं, और सोशल नेटवर्क ने जोखिम को और बढ़ा दिया है।
सेक्स एजुकेशन की कमी बनी देश की सबसे बड़ी कमजोरी
भारत में सेक्स अब भी एक टैबू माना जाता है। डॉ. रैना बताते हैं कि न बच्चों को, न युवाओं को और न ही हेल्थ वर्कर्स को सेक्सुअल हेल्थ की उचित जानकारी मिलती है। वह बताते हैं: “25 साल पहले महीने में कुछ मरीज आते थे, आज एक दिन में 15–20 HIV केस सामने आते हैं।”
गलती हुई हो तो 72 घंटे में बचाव!- PEP दवा की अहम भूमिका
डॉ. रैना बताते हैं कि यदि कोई व्यक्ति असुरक्षित संबंध बना ले, तो 72 घंटे के भीतर पोस्ट-एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस (PEP) दवा शुरू कर संक्रमण से बच सकता है। लेकिन देश में अधिकांश लोग इस महत्वपूर्ण दवा के बारे में जानते ही नहीं।
कंडोम: एक छोटी सतर्कता, कई बीमारियों से सुरक्षा
कंडोम HIV के साथ-साथ सिफिलिस, गोनोरिया, हर्पीज़ और क्लेमाइडिया जैसी बीमारियों से भी बचाता है। विशेषज्ञों की सलाह- सुरक्षित संबंध बनाएँ और मल्टीपल पार्टनर्स से बचें।
शादी से पहले HIV टेस्ट को अनिवार्य करने की मांग
डॉ. रैना बताते हैं कि उनके पास ऐसे कई मामले आते हैं, जहां शादी के बाद पता चलता है कि एक पार्टनर HIV पॉजिटिव था। वे सवाल उठाते हैं- “लोग कुंडली मिलाते हैं, लेकिन 500 रुपये का टेस्ट क्यों नहीं?”
HIV एक बार हुआ तो जीवनभर रहता है साथ
HIV का वायरस शरीर से पूरी तरह नहीं निकलता। संक्रमित व्यक्ति को जीवनभर दवाइयों, जांच और विशेष डाइट की जरूरत होती है। उन्हें हाई प्रोटीन डाइट और अनुशासित जीवनशैली अपनानी पड़ती है।
युवाओं और होमोसेक्सुअल समुदाय में तेजी से फैल रहा संक्रमण
डॉ. रैना के अनुसार कॉलेज छात्रों में और होमोसेक्सुअल कम्युनिटी में HIV संक्रमण के 72% तक बढ़ते मामलों का रुझान देखा गया है। वे कहते हैं- बच्चों को ‘गुड टच-बैड टच’, सुरक्षित संबंध और शरीर की समझ सिखाना जरूरी है।
भारत में खुले संवाद की कमी
जहाx अन्य देशों में HIV जागरूकता रैलियों और सार्वजनिक कार्यक्रमों से बढ़ती है, भारत में यह विषय छिपाया जाता है। डॉ. रैना का कहना है: “एक दिन की जागरूकता से कुछ नहीं होगा, STDs को हेल्थ एजुकेशन में प्रमुख स्थान देना होगा।”
आधुनिक इलाज से HIV पॉजिटिव माता-पिता भी दे सकते हैं नेगेटिव बच्चा
WHO गाइडलाइंस के अनुसार, नियमित एंटी-रेट्रोवायरल थेरैपी लेने वाले HIV पॉजिटिव माता-पिता भी HIV नेगेटिव बच्चा पैदा कर सकते हैं।
घर में HIV मरीज हो तो इन बातों का रखें ध्यान
- बर्तन, कपड़े और तौलिये अलग रखें
- झूठा खाना न दें
- एंटी-वायरल थैरेपी नियमित दिलवाएँ
- हाई प्रोटीन डाइट दें
🔍 HIV के लक्षण ऐसे नजरअंदाज न करें
- बार-बार बीमार पड़ना
- वजन कम होना
- लगातार बुखार
- कमजोरी
- बार-बार टाइफाइड, लूज मोशन
ये HIV के संकेत हो सकते हैं।
