लव जिहाद या सामाजिक लापरवाही? यहां 1 महीने में लापता हुईं 56 लड़कियां
punjabkesari.in Saturday, Sep 06, 2025 - 10:42 PM (IST)

नेशनल डेस्कः उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले से एक बेहद चौंकाने वाली और चिंता जनक स्थिति सामने आई है। बीते एक महीने के भीतर जिले में कुल 56 लड़कियों के अपहरण के मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 40 लड़कियां नाबालिग हैं। पुलिस प्रशासन ने सक्रियता दिखाते हुए अब तक 49 लड़कियों को अलग-अलग स्थानों से सकुशल बरामद कर लिया है।
आंकड़ों में अपहरण की स्थिति
-
कुल अपहरण मामले: 56
-
बरामद लड़कियाँ: 49
-
नाबालिग लड़कियां: 40
-
पीड़ितों में अधिकांश: दलित और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की लड़कियां
-
अपहृत लड़कियों में 2 मुस्लिम समुदाय की भी शामिल
यह घटनाक्रम न केवल जिले की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि बाल सुरक्षा और महिला अपराधों पर सरकारी तंत्र की सतर्कता को भी कठघरे में खड़ा करता है।
सामाजिक-सांप्रदायिक पहलू: "लव जिहाद" का आरोप
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अवध प्रांत प्रमुख अरविंद पांडे ने इन घटनाओं के पीछे तथाकथित "लव जिहाद" की साजिश का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि मुस्लिम युवकों द्वारा हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर अपहरण किया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, अपहरण के आरोपियों में तीन मुस्लिम युवक भी शामिल हैं। हालांकि, पुलिस का कहना है कि अब तक की जांच में अधिकांश मामले प्रेम-प्रसंग से जुड़े हुए पाए गए हैं।
पुलिस की प्रतिक्रिया और कार्रवाई
एसपी केशव कुमार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि:“अब तक दर्ज किए गए 56 मामलों में 49 लड़कियों को सकुशल बरामद कर लिया गया है। अधिकांश केसों में लड़कियाँ स्वेच्छा से गई थीं और यह प्रेम-प्रसंग के मामले निकले। तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा रही है।” पुलिस ने सभी मामलों में FIR दर्ज कर जांच शुरू की है। साथ ही आरोपियों को गिरफ्तार कर पॉक्सो एक्ट, अपहरण, और अन्य धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
थाना-वार आंकड़े: किन इलाकों से सबसे ज्यादा मामले?
सूत्रों के अनुसार, जिले के निम्न थाना क्षेत्रों से लड़कियों के लापता होने की घटनाएँ दर्ज की गईं:
-
अकबरपुर कोतवाली – 11 मामले
-
मालीपुर – 9
-
जलालपुर – 8
-
अहिरौली – 7
-
बसखारी – 6
-
जैतपुर – 5
-
महरुआ, सम्मनपुर – 3-3
-
भीटी, इब्राहिमपुर – 2-2
कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल
लगातार हो रही घटनाओं ने जिले में पुलिसिंग और महिला सुरक्षा को लेकर आम नागरिकों के बीच नाराजगी और असुरक्षा की भावना को बढ़ा दिया है। स्थानीय सामाजिक संगठनों और विपक्षी दलों ने प्रशासन से बड़े पैमाने पर विशेष जांच अभियान और महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देने की मांग की है।