Women’s Day special: बम धमाके में 13 साल की उम्र में गंवाए दोनों हाथ, फिर भी नहीं हारी हिम्मत, बनी कॉन्फिडेंस की मिसाल
punjabkesari.in Saturday, Mar 08, 2025 - 11:18 AM (IST)

नेशनल डेस्क: साल 2020 में women's day के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘SheInspiredUs’ पहल के तहत अपने सोशल मीडिया अकाउंट सात खास महिलाओं को सौंपे थे। इनमें एक नाम तमिलनाडु की मालविका अय्यर का भी था, जिन्होंने विकलांगता को मात देते हुए अपनी हिम्मत और संघर्ष से समाज में एक मिसाल पेश की है।
मालविका अय्यर का जीवन एक प्रेरणा है। 2002 में बीकानेर में एक दर्दनाक घटना के बाद उनका जीवन पूरी तरह बदल गया था। उस वक्त वह सिर्फ 13 साल की थीं, जब बीकानेर के एम्युनेशन डिपो में आग लगने से रास्ते में पड़े ग्रेनेड के विस्फोट में उन्होंने दोनों हाथ गंवा दिए थे। इस हादसे के बावजूद उन्होंने जीवन में कभी हार नहीं मानी।
समाज में विकलांगता को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए मालविका अय्यर ने सक्रिय रूप से काम किया है। वह एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में विकलांगों के अधिकारों के लिए लड़ती हैं और उनकी आवाज बन गई हैं। उनके संघर्ष और जज्बे को देखते हुए उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। नारी शक्ति पुरस्कार सहित उन्हें कई प्रतिष्ठित सम्मान मिल चुके हैं।
उनकी कहानी आज के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है कि कैसे हिम्मत और आत्मविश्वास से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।