PM मोदी, हंस सहित कई दिग्गजों के निर्वाचन को अदालत में चुनौती

punjabkesari.in Saturday, Jul 13, 2019 - 08:49 AM (IST)

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव खत्म हुए काफी समय हो गया लेकिन कई नेता ऐसे हैं जो अपनी हार नहीं पचा पा रहे हैं और विजयी उम्मीदवारों के निर्वाचन को अदालत में चुनौती दे रहे हैं। जहां रामपुर से जया प्रदा सपा सांसद आजम खान के खिलाफ याचिका दायर कर चुकी हैं, वहीं सहारनपुर के पूर्व सांसद राघव लखनपाल शर्मा ने भी सहारनपुर के सांसद हाजी फजलुर्रहमान के निर्वाचन को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। राघव लखनपाल शर्मा ने याचिका में बसपा प्रमुख मायावती के चुनावी सभा के दौरान दिए गए भाषण को आधार बनाया है। उधर दिल्ली उच्च न्यायालय में भाजपा सांसद हंसराज हंस के लोकसभा चुनाव में निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका दायर की गई। याचिका में दावा किया गया है कि हंस ने 2019 के चुनाव के लिए अपने नामांकन पत्र के साथ दायर हलफनामे में गलत सूचना दी थी। 

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मोदी: गलत तरीके से नामांकन पत्र खारिज कराने का आरोप
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सांसद के तौर पर वाराणसी से चुने जाने को चुनौती देने वाली एक चुनाव याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दायर की गई है। यह याचिका बी.एस.एफ. से बर्खास्त तेज बहादुर यादव ने दायर की है जो नामांकन पत्र रद्द होने से चुनाव नहीं लड़ सके थे। उन्होंने आरोप लगाया है कि भाजपा के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के कथित दबाव के चलते वाराणसी के निर्वाचन अधिकारी ने गलत तरीके से उनका नामांकन पत्र खारिज किया था। 

हर्षवर्धन : भ्रष्टाचार का इल्जाम
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन से वीरवार को उस याचिका पर जवाब मांगा जिसमें यहां चांदनी चौक निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए उनके निर्वाचन को चुनौती दी गई है।  चांदनी चौक निर्वाचन क्षेत्र से मतदाता होने का दावा करने वाले अरुण कुमार ने यह याचिका दायर की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि भाजपा नेता अपनी पत्नी द्वारा खरीदे गए आवासीय अपार्टमैंट की असल कीमत का खुलासा न करके भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं। 

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आजम खान : लाभ का पद
अभिनेत्री से नेता बनीं जया प्रदा ने उत्तर प्रदेश के रामपुर संसदीय क्षेत्र से आजम खान के निर्वाचन को चुनौती देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि चुनाव के समय आजम खान कुलाधिपति के पद पर थे जोकि एक लाभ का पद है।  

प्रज्ञा ठाकुर : सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काना
राकेश दीक्षित ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि प्रज्ञा ने सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काया और चुनाव जीतने के लिए वह भ्रष्ट आचरण में लिप्त थीं। अन्य मतदाता राज कुमार चौहान ने सिद्धि से भाजपा सांसद ऋति पाठक की जीत को चुनौती दी है। 

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नितिन गडकरी : चुनाव प्रक्रिया में अनियमितताएं
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने लोकसभा चुनाव में नितिन गडकरी के नागपुर से निर्वाचन को बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया है। गडकरी ने हाल ही में समाप्त हुए लोकसभा चुनाव में पटोले को 1.97 लाख मतों के अंतर से हराया था।  

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फडऩवीस : आपराधिक मामलों का खुलासा न करना
महाराष्ट्र विधानसभा के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस के चुनाव को चुनौती दी गई। आरोप है कि मुख्यमंत्री ने अपने नामांकन पत्र में अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं किया है।  

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मेरे खिलाफ याचिका कांग्रेस की बौखलाहट का परिणाम : हंसराज
वहीं दिल्ली के उत्तरी पचिश्मी संसदीय क्षेत्र से नवनिर्वाचित भाजपा के सांसद पद्मश्री हंसराज हंस ने उनकेे खिलाफ दायर की गई याचिका को कांग्रेस की बौखलाहट का परिणाम बताया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि भाजपा को देशव्यापी मिली ऐतिहासिक जीत कांग्रेस से बर्दाश्त नहीं हो रही है। हंसराज ने कहा कि देश वासियों ने कांग्रेस मुक्त शासन को प्राथमिकता दी है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विगत 5 साल के कार्यकाल से सभी देशवासी प्रसन्न हैं। इसका सबूत  17वीं  लोकसभा  के  परिणाम  हैं,  जो सबके सामने हैं। उन्होंने कहा कि वह रिकार्ड मतों से विजयी हुए हैं। उनसे पराजित हुए कांगे्रस प्रत्याशी राजेश लिलोठिया द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका बिल्कुल बेबुनियाद और मनघड़ंत है। 

भाजपा सांसद ने साढ़े 5 लाख वोटों के अंतर से हुई अपनी जीत पर कहा कि दिल्ली जिसे मिनी भारत कहा जाता है, वहां के सूझवान लोगों ने ही उन्हें अपना नेतृत्व सौंपा है जो कि उनके लिए बहुत ही गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि ऐसे में उनकी जीत पर किंतु-परंतु करना लोकतंत्र का मजाक उड़ाने वाली बात है। हंसराज हंस ने कहा कि कांग्रेस नेता की दायर की गई याचिका का उनके वकील जवाब दायर करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें माननीय अदालत के फैसले पर पूर्ण भरोसा है। वर्णनीय है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 18 सितम्बर को सुनिश्चित की है जबकि चुनाव आयोग ने इस मामले का संज्ञान नहीं लिया है। 


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Edited By

Anil dev

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