लोकसभा ने सरोगेसी विनियमन विधेयक को दी मंजूरी

punjabkesari.in Wednesday, Dec 19, 2018 - 05:14 PM (IST)

नई दिल्ली: देश में वाणिज्यिक उद्देश्यों से जुड़ी किराये की कोख (सरोगेसी) पर रोक लगाने, सरोगेसी पद्धति का दुरुपयोग रोकने के साथ नि:संतान दंपतियों को संतान का सुख दिलाना सुनिश्चित करने वाले ‘सरोगेसी (विनियमन) विधेयक बुधवार को लोकसभा ने मंजूरी दे दी। निचले सदन में कांग्रेस सहित कुछ अन्य दलों के हंगामे के बीच स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक विधेयक है और इसे ‘वाणिज्यिक सरोगेसी’ पर रोक लगाने और परिवारों में नि:संतान दंपतियों की सुविधा को ध्यान में रखने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में एनआरआई दंपतियों को भी शामिल किया गया है, हालांकि इसमें विदेशी नागरिकों के लिए प्रावधान नहीं है।

PunjabKesariमंत्री ने कहा कि समाज के सभी वर्गों और सभी राजनीतिक दलों की यह राय रही है कि ‘कॉर्मिशयल सरोगेसी’ पर रोग लगनी चाहिए। नड्डा ने कहा कि देश भर में ऐसे बहुत सारे क्लीनिक चल रहे हैं जो कॉर्मिशयल सरोगेसी का हब बन गए हैं और अब इस विधेयक के पारित होने के बाद इस पर रोक लगेगी। मंत्री ने कहा कि सरोगेसी के मामले पर उच्चतम न्यायालय ने भी संज्ञान लिया। इसके बाद हमने यह विधेयक लाने का फैसला किया।

PunjabKesariउन्होंने कहा कि विधेयक में सरोगेसी के संदर्भ में ‘मां’ को परिभाषित किया गया है और यह भी तय किया गया है कि कौन लोग सरोगेसी की सेवा ले सकते हैं। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को पारित कर दिया। विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि पिछले कुछ वर्षो भारत में विभिन्न देशों के दंपतियों के लिए किराये की कोख (सरोगेसी) के केंद्र के रूप में उभर कर आया है। अनैतिक व्यवहार, सरोगेट माताओं के शोषण, सरोगेसी से उत्पन्न बालकों के परित्याग और मानव भ्रूणों एवं युग्मकों के आयात की घटनाएं हुई हैं। 

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shukdev

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