Liquor Bottles: पियक्कड़ों के लिए बड़ी खबर: शराब के बोतल में बड़े बदलाव की तैयारी में मोदी सरकार

punjabkesari.in Wednesday, Feb 05, 2025 - 10:17 AM (IST)

नई दिल्ली: भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) शराब की बोतलों पर नए और अधिक प्रमुख चेतावनी लेबल लगाने के प्रस्ताव पर चर्चा कर रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि यह विचार-विमर्श अभी प्रारंभिक चरण में है और यह तय नहीं किया गया है कि नए लेबल में क्या संदेश होंगे या वे चित्रात्मक होंगे या नहीं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मौजूदा गाइडलाइंस के अनुसार, शराब का कोई भी सुरक्षित स्तर नहीं होता, जो स्वास्थ्य को प्रभावित न करे। इसी मुद्दे पर पिछले सप्ताह बॉम्बे हाई कोर्ट ने FSSAI और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया था, जिसमें शराब की बोतलों पर कैंसर से जुड़ी चेतावनी देने की मांग की गई थी, ठीक वैसे ही जैसे सिगरेट पैक पर दी जाती है।

क्या कह रहे हैं इंडस्ट्री के विशेषज्ञ?
शराब उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा चेतावनी संकेत पर्याप्त हैं और अतिरिक्त चेतावनी की आवश्यकता नहीं है। ब्रुअर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (BAI) के महानिदेशक विनोद गिरी ने कहा, "भारत में पहले से ही शराब की बोतलों पर पर्याप्त स्वास्थ्य चेतावनी दी जाती है। बिना ठोस प्रमाण के और अधिक चेतावनी जोड़ने की जरूरत नहीं है। हमें भरोसा है कि FSSAI, एक वैज्ञानिक निकाय होने के नाते, इस मुद्दे पर संतुलित निर्णय लेगा।"

वर्तमान में शराब की बोतलों पर क्या चेतावनी होती है?
भारत में 1 अप्रैल 2019 से लागू नियमों के तहत, शराब की बोतलों पर दो अनिवार्य चेतावनी लिखी जाती हैं: 
"शराब का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।" "सुरक्षित रहें, शराब पीकर गाड़ी न चलाएं।" नियमों के अनुसार, 200ml तक की बोतलों पर चेतावनी अक्षरों की ऊंचाई कम से कम 1.5mm होनी चाहिए, जबकि 200ml से बड़ी बोतलों पर यह 3mm होनी चाहिए। ये चेतावनी अंग्रेजी या किसी भी स्थानीय भाषा में हो सकती हैं।

क्या शराब पर कैंसर की चेतावनी जरूरी है?
अंतरराष्ट्रीय स्पिरिट्स और वाइन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ISWAI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का शराब बाजार 52.4 अरब डॉलर का है और 2030 तक 64 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। WHO के अनुसार, शराब का अत्यधिक सेवन कैंसर का कारण बन सकता है, लेकिन उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि संयमित मात्रा में शराब का सेवन स्वास्थ्य के लिए उतना नुकसानदेह नहीं होता। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि अमेरिकी विज्ञान, इंजीनियरिंग और चिकित्सा अकादमी के एक अध्ययन में संयमित शराब सेवन और कैंसर के बीच कोई सीधा संबंध साबित नहीं हुआ है।

क्या होगा आगे?
FSSAI इस प्रस्ताव पर शराब कंपनियों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श कर रहा है। हालांकि, अभी यह तय नहीं हुआ है कि नए लेबल कब लागू होंगे और वे कितने सख्त होंगे।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anu Malhotra

Related News