LIC News: 30 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों को सर्विस देने वाली जीवन बीमा निगम LIC ने जारी किया बड़ा बयान...
punjabkesari.in Friday, Apr 04, 2025 - 04:57 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने हाल ही में एक बयान जारी किया, जिसमें उसने यह स्पष्ट किया कि उसे न तो भारतीय सरकार से और न ही किसी विनियामक प्राधिकरण से कोई विशेष ट्रीटमेंट मिल रहा है। यह बयान यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव (USTR) की रिपोर्ट के बाद आया, जिसमें दावा किया गया था कि केंद्र द्वारा एलआईसी को फेवरेबल ट्रीटमेंट दिया जा रहा है।
LIC ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि कंपनी को किसी भी प्रकार का अनुचित लाभ या विशेष उपचार नहीं दिया गया है। इसके अलावा, कंपनी ने अपनी स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि सरकार और नियामक निकायों के साथ LIC का व्यवहार ठीक उसी तरह है, जैसे किसी अन्य बीमा कंपनी के साथ किया जाता है।
इस पर LIC ने कहा कि यह 1956 में स्थापित होने के बाद से हमेशा एक स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कार्य करती आ रही है, और इसके कार्यों का उद्देश्य केवल पॉलिसीधारकों का विश्वास और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। एलआईसी ने यह भी कहा कि वह 24 निजी बीमा कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए भारतीय बाजार में सेवा दे रही है और इसे किसी विशेष प्रोत्साहन की आवश्यकता नहीं है।
एलआईसी ने पिछले 25 वर्षों में 24 निजी जीवन बीमा कंपनियों के साथ मिलकर भारतीय बीमा बाजार में अपनी पहचान बनाई है। यह आईआरडीएआई और सेबी द्वारा कड़े विनियमों के तहत काम करता है और सरकार से किसी प्रकार का विशेष लाभ प्राप्त नहीं करता। एलआईसी का कहना है कि उसे बीमा क्षेत्र में नेतृत्व उसकी वित्तीय शक्ति, पॉलिसीधारकों के विश्वास, उत्कृष्ट सेवा और पारदर्शिता के कारण हासिल हुआ है।
LIC, जो 69 वर्षों से भारतीय बीमा क्षेत्र में एक्टिव है, इस दौरान 30 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों को अपनी सेवाएं प्रदान कर चुका है। LIC का मानना है कि यूएसटीआर की रिपोर्ट में भारतीय बीमा विनियमन और उसकी कार्यप्रणाली को सही तरीके से नहीं समझा गया है। एलआईसी ने कहा कि यह अपने योगदान और भूमिका की अधिक संतुलित और तथ्यात्मक सराहना की उम्मीद करता है, खासकर वित्तीय समावेशन और पॉलिसीधारकों की सुरक्षा के मामले में।
हाल ही में सामने आए आंकड़ों के अनुसार, LIC ने वित्त वर्ष 2025 के पहले 11 महीनों में ग्रुप ईयरली रिन्यूएबल प्रीमियम में 28.29% और इंडिविजुअल प्रीमियम में 7.9% की वृद्धि दर्ज की है। फरवरी 2025 तक एलआईसी का कुल प्रीमियम संग्रह 1.90 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 1.86 लाख करोड़ रुपये से 1.90% अधिक था।
LIC ने इस मुद्दे पर एक संतुलित और तथ्यात्मक मूल्यांकन की अपील की, और साथ ही भारतीय बीमा विनियमन की अपनी भूमिका और कार्यप्रणाली को लेकर यूएसटीआर से और बेहतर समझ की अपेक्षा की है।