युवाओं के लिए रास्ता छोड़ने वाले नेता बढा सकते हैं राजभवन की शोभा

punjabkesari.in Saturday, Jun 22, 2024 - 01:52 PM (IST)

नेशनल डेस्क: आलाकमान की मंशा समझ कर लोकसभा चुनाव में नए चेहरों के लिए रास्ता छोड़ने वाले भाजपा नेता राज्यपाल के रूप में राजभवन की शोभा बढ़ाएंगे। सूत्रों के अनुसार भाजपा के निष्ठावान अनुभवी नेताओं को विभिन्न राज्यों में राज्यपाल बना कर भेजा जा सकता है। इसके अलावा कुछ रिटायर्ड अफसरों को भी राज्यपाल बनाया जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि अगले तीन माह में राजस्थान व यूपी सहित आठ राज्यों के राज्यपालों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। नए राज्यपालों के नामों पर मंथन चल रहा है। दरअसल लोकसभा चुनाव में एंटी इंकमबैसी और नए चेहरों को मौका देने के लिए भाजपा ने करीब 100 सांसदों का टिकट काट दिया था। इनमें मोदी 2.0 सरकार के मंत्री व कुछ अन्य वरिष्ठ नेता शामिल है। सूत्रों के अनुसार जिन अनुभवी नेताओं ने भाजपा नेतृत्व का निर्णय सहर्ष स्वीकार किया और चुनाव में भी जिनकी भूमिका सकारात्मक रही, ऐसे चेहरों को पार्टी राज्यपाल पद दे सकती है।

इनको मिल सकता है मौका

सूत्रों के अनुसार पार्टी हलकों में बिहार से पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, कर्नाटक से पूर्व सीएम डीवी सदानंद गौड़ा, उत्तर प्रदेश से पूर्व मंत्री वीके सिंह तथा दिल्ली से पूर्व मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को राजभवन भेजे जाने की चर्चा है। इनके अलावा तमिलनाडु से पार्टी नेता पी. राधाकृष्णन को भी राज्यपाल बनाया जा सकता है।

इन राज्यपालों का हो रहा कार्यकाल समाप्त : आनंदीबेन

पटेल (उत्तर प्रदेश), कलराज मिश्र (राजस्थान), आचार्य देवव्रत (गुजरात), बंडारू दत्तात्रेय (हरियाणा), रमेश बैस (महाराष्ट्र), अनसुइया उइके (मणिपुर), फागूसिंह चौहान (मेघालय) और आरिफ मोहम्मद खान (केरल)। इसके अलावा पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया है।

पार्टी सूत्रों के अनुसार केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है या उन्हें अन्य किसी राज्य में मौका दिया जा सकता है। पार्टी नेताओं का मानना है कि खान केरल की वामपंथी सरकार के राजनीति और वैचारिक आधारित फैसलों को मजबूती से उजागर कर जनता के सामने लाए हैं।

 


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News Editor

Radhika

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