landslides: वायनाड में भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 167 पहुंची, नदी में तैरती दिखीं लाशें
punjabkesari.in Wednesday, Jul 31, 2024 - 07:38 PM (IST)
नेशनल डेस्क: केरल के वायनाड जिले में हाल ही में हुई लैंडस्लाइड में मरने वालों की संख्या बढ़कर 167 हो गई है। 131 लोग अस्पताल में हैं, जबकि 220 के लापता हैं, जिनकी रिपोर्ट लिखाई गई है। यह घटना अत्यधिक बारिश और भूस्खलन के कारण हुई, जिसने इलाके में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है।
सेना के करीब 150 जवानों की चार टीमें चूरमाला में बचाव अभियान में
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, 78 शवों को मेप्पाडी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में और 31 शवों को मलप्पुरम जिले के नीलांबुर जिला अस्पताल में रखा गया है। अधिकारियों ने बताया कि कुल 83 शवों की पहचान हो चुकी है और 143 शवों का पोस्टमाटर्म पूरा हो चुका है। मुंदक्कई में तीन घरों के मलबे से पांच शव बरामद किए गए और दो शव पोथुकल में चलियार नदी से मिले, जो मुंदक्कई में भूस्खलन स्थल से 38 किलोमीटर दूर है। सेना के करीब 150 जवानों की चार टीमें चूरमाला में बचाव अभियान में लगी हुई हैं। रक्षा सुरक्षा कोर (डीएससी, कन्नूर इकाई), सेना की मद्रास इंजीनियरिंग विंग के अलावा भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के नौसेना कर्मी भी दूसरे दिन बचाव अभियान में जुटे हुए हैं। बेंगलुरू से मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप सेंटर से एक बेली ब्रिज को सड़क मार्ग से ले जाया जा रहा है और बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए शेष भागों और उपकरणों को दिल्ली छावनी से हवाई मार्ग से लाया जा रहा है। राजस्व मंत्री के राजन और चार अन्य मंत्री अब भी बचाव एवं खोज अभियान में सहायता के लिए मुंदक्कई क्षेत्रों में ठहरे हुये हैं। एक अन्य घटना में, स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज की कार आज सुबह करीब सात बजे मलप्पुरम जिले के एरीकोड रोड पर वायनाड जाते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गईं। इसमें उन्हें हाथ और सिर पर मामूली चोटें आईं। मंत्री वीना को मंजेरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
लैंडस्लाइड ने कई घरों को ध्वस्त कर दिया और सड़कों को अवरुद्ध कर दिया, जिससे राहत सामग्री और बचाव कर्मियों का पहुंचना कठिन हो गया है। स्थानीय निवासी और प्रशासन मिलकर इस आपदा का सामना कर रहे हैं, लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।
इस आपदा ने कई परिवारों को बेघर कर दिया है और उन्हें जीवन की आवश्यकताओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है और प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
नदी में तैरती दिखीं लाशें
हादसा इतना भयानक था कि लपट्टा मुंडाकाई गांव के पोथकुल में नदियां मानों लाशों में बदल गईं हो। हर तरफ पानी में लोगों की लाशें तैर रहीं है। बता दें कि अपने शानदार टूरिस्ट व्यूज के लिए मशहूर मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांवों की आधी रात को उस समय तस्वीर बदल गई जब इनका संपर्क और अन्य हिस्सों से टूट गया। बाढ़ के पानी में बहीं गाड़ियां कई जगहों पर पेड़ों पर टंगी हुई दिख रही हैं। भूस्खलन के कारण इन इलाकों में नदियों ने अपना रास्ता बदल रिहायशी इलाकों में बह रही हैं, जिससे विनाश और खतरनाक हो गया।