'मैं चोर नहीं हूं, मां…' 12 साल के मासूम ने चिट्ठी लिख कर लिया Suicide
punjabkesari.in Saturday, May 24, 2025 - 11:18 AM (IST)

नेशनल डेस्क: सिर्फ तीन पैकेट चिप्स के आरोप में एक 12 साल का बच्चा - कृष्णेंदु दास - अपमान और पिटाई से इतना आहत हुआ कि उसने अपनी ज़िंदगी ही खत्म कर ली। वह सातवीं कक्षा में पढ़ता था और अपने आखिरी शब्दों में भी बार-बार यही कहता रहा -“मैंने चोरी नहीं की, मां।”
क्या हुआ था उस दिन?
यह मामला पंसकुरा इलाके के एक मिठाई की दुकान का है। दुकानदार शुभांकर दीक्षित की गैरमौजूदगी में कृष्णेंदु ने दुकान से चिप्स के तीन पैकेट उठा लिए, यह सोचकर कि बाद में पैसे दे देगा। जब दुकानदार लौटा, तो उसने बच्चे को चिप्स के पैकेट के साथ पकड़ लिया। कृष्णेंदु ने तुरंत 20 रुपये देकर माफ़ी मांगने की कोशिश की, लेकिन दुकानदार नहीं माना। बच्चे को ज़बरदस्ती दुकान पर लाया गया, सबके सामने उसकी पिटाई की गई, उठक-बैठक करवाई गई और फिर उसकी मां को भी बुलाकर सामने डांटा गया, थप्पड़ मारे गए। भीड़ में उस बच्चे का आत्मसम्मान कुचल दिया गया।
आत्महत्या और आखिरी चिट्ठी
बच्चा घर लौटा लेकिन अंदर से टूट चुका था। उसने ज़हर पी लिया। जब मां ने काफी देर तक दरवाजा नहीं खुलने पर पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा, तो वह ज़मीन पर गिरा मिला — मुंह से झाग निकल रहा था। पास ही कीटनाशक की बोतल और एक दिल तोड़ देने वाली चिट्ठी पड़ी थी: “मां, मैं चोर नहीं हूं। कुरकुरे मुझे बहुत पसंद हैं। रास्ते में पैकेट पड़ा था, मैंने उठा लिया। माफ कर देना, ये मेरे आखिरी शब्द हैं।”
परिवार का आरोप और पुलिस की कार्रवाई
परिजनों ने आरोप लगाया है कि दुकानदार और मां के सार्वजनिक बर्ताव से कृष्णेंदु मानसिक रूप से टूट गया। मामले में एफआईआर दर्ज हो चुकी है, और दुकानदार फिलहाल फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।