जानिए क्यों लिखा परिसीमन आयोग ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र

punjabkesari.in Sunday, May 10, 2020 - 04:58 PM (IST)

नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर, असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड के संसदीय और विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन को गति देने के लिये परिसीमन आयोग ने लोकसभा अध्यक्ष और पूर्वोत्तर के चार राज्यों की विधानसभा के अध्यक्षों को पत्र लिखकर समिति के सहायक सदस्यों का नाम देने को कहा है। जम्मू-कश्मीर में फिलहाल कोई विधानसभा नहीं है। यह एक केंद्र शासित क्षेत्र हैं जहां विधानसभा का प्रावधान है। संसद सदस्य और विधानसभाओं के सदस्य जिनके परिसीमन के लिये आयोग का गठन किया गया है, वहां से आयोग के सहायक सदस्य इस कार्य में आयोग की मदद के लिये शामिल किये जाते हैं।

इस पूरी प्रक्रिया से अवगत निर्वाचन आयोग के पदाधिकारियों ने कहा कि परिसीमन आयोग की हाल में बैठक हुई थी जिसमें सहायक सदस्यों का नाम बताने के लिये लोकसभा अध्यक्ष और विधानसभाओं के पीठासीन अधिकारियों को पत्र लिखने का फैसला लिया गया था। एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि परिसीमन आयोग ने निर्वाचन आयोग सचिवालय से कहा है कि वह भारत के महापंजीयक से “सबसे निचली प्रशासनिक इकाई तक” का नवीनतम जनगणना का आंकड़ा हासिल करें। यह पूछे जाने पर कि क्या कोरोना वायरस की वजह से लागू बंद के कारण परिसीमन आयोग के काम में विलंब हुआ है, पदाधिकारी ने कहा कि आयोग इससे प्रभावित नहीं हुआ और अपना काम करता रहा।

सरकार ने छह मार्च को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आर पी देसाई की अध्यक्षता में परिसीमन आयोग का गठन किया था जिसे केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के राज्य असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नगालैंड के लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रोंका परिसीमन करना है। निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा और जम्मू-कश्मीर तथा चार राज्यों के प्रदेश निर्वाचन आयुक्त इसके पदेन सदस्य होंगे। विधि मंत्रालय द्वारा पूर्व में जारी अधिसूचना के मुताबिक आयोग जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन करेगा जबकि परिसीमन अधिनियम,2002 के प्रावधानों के मुताबिक असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नगालैंड के संसदीय व विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन किया जाएगा।

जम्मू कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया के बारे में पूछे जाने पर हाल में निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया था कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के अनुच्छेद 60 के मुताबिक, “…केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू-कश्मीर की विधानसभा सीटों की संख्या 107 से बढ़ाकर 114 की जाएगी…। इनमें से 24 सीटें पाक अधिकृत कश्मीर में हैं। इसिलये प्रभावी रूप से, सीटें 83 से बढ़कर 90 हो जाएंगी।”


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Yaspal

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