जानिए कौन थी सावित्रीबाई फुले और रानी वेलु नचियार, पीएम मोदी ने जयंती पर दी श्रद्धांजलि
punjabkesari.in Wednesday, Jan 03, 2024 - 11:56 AM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को समाज सुधारक, शिक्षिका एवं कवयित्री सावित्रीबाई फुले और स्वतंत्रता सेनानी रानी वेलू नचियार की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सावित्रीबाई फुले और रानी वेलु नचियार की जयंती पर उन्हें सादर नमन। दोनों ने अपने साहस और दयालुता से समाज को प्रेरित किया। हमारे देश के लिए उनके योगदान अमूल्य है।''
Tributes to Savitribai Phule and Rani Velu Nachiyar on their Jayanti. Both of them inspired society with their compassion and courage. Their contribution towards our nation is invaluable. Here is how we paid tributes to them during the recent #MannKiBaat. pic.twitter.com/hFfoAbWlqf
— Narendra Modi (@narendramodi) January 3, 2024
कौन थी सावित्रीबाई फुले ?
सावित्रीबाई फुले का जन्म तीन जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के सतारा जिले के एक गांव में हुआ था। सावित्रीबाई फुले को समाज सेविका, नारी मुक्ति आंदोलन में हिस्सा लेने वाली और देश की पहली अध्यापिका के रूप में जाना जाता है। महाराष्ट्र के सतारा जिले के छोटे से गांव में जन्मी सावित्रीबाई फुले ने लड़कियों की शिक्षा के लिए लंबी लड़ाई लड़ी और खुद शिक्षित होकर लड़कियों के लिए देश का पहला महिला विद्यालय भी खोला। सावित्रीबाई ने जिस समय पर शिक्षा के लिए आवाज उठाई, उस दौर में लड़कियों की शिक्षा पर कई तरह की पाबंदियां लगाई जाती थी, जिसके चलते उन्हें लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा।
सावित्रीबाई फुले लक्ष्मी और खांडोजी नेवासे पाटिल की छोटी बेटी थीं। दलित परिवार में जन्मी सावित्रीबाई को उस समय शिक्षा से वंचित रखा गया था क्योंकि उस समय दलित, पिछड़े वर्ग और महिलाओं को शिक्षा लेने का कोई अधिकार नहीं था। लेकिन बचपन से ही पढ़ाई का शोक रखने वाली सावित्रीबाई को पढ़ने से कोई नहीं रोक पाया। बताया जाता है कि एक दिन बचपन में वह अंग्रेजी की किताब लेकर पढ़ने की कोशिश कर रही थीं। जब उनके पिता ने उनको देखा तो किताब को फेंककर उन्हें खूब डांटा। लेकिन अपने पिता की डांट को जरा सा भी दिल पर नहीं लगाया और तभी प्रण ले लिया कि वे शिक्षा लेकर ही रहेंगी।
कौन थी रानी वेलु नचियार
रानी वेलु नचियार तमिलनाडु के शिवगंगई जिले की 18वीं सदी की रानी थीं, जिन्हें ब्रिटिश औपनिवेशिक सत्ता के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली पहली रानी के रूप में जाना जाता है। रानी वेलु नचियार वीरमंगई के नाम से मशहूर हैं। रानी वेलु नचियार भारत में अंग्रेजों से आजादी के लिए लड़ने वाली पहली रानी थीं। उन्होंने 1780 में मारुडु बंधुओं को देश का प्रशासन करने की शक्तियां प्रदान कीं थी।