जानिए कैसा रहा भारत में सफलता की विरासत में सिखों का योगदान
punjabkesari.in Thursday, Dec 07, 2023 - 04:05 PM (IST)

नेशनल डेस्क. भारत विविधताओं का देश है। यहां हर धर्म और जाति के लोग पाए जाते हैं। प्रत्येक धर्म का इतिहास कई सारी कुर्बानियों और घटनाओं से जुड़ा हुआ है। विविधताओं से भरे इस देश में सिख समुदाय ने अपनी समृद्ध संस्कृति, विरासत और अटूट दृढ़ संकल्प से एक अलग पहचान बनाई है। सिखों ने न केवल अपने चुने हुए क्षेत्रों में श्रेष्ठता हासिल की है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा के प्रतीक भी बने हैं।
भारत में जन्मे और शिक्षित अजय बंगा ने मास्टरकार्ड के रैंक से आगे बढ़ते हुए विश्व बैंक समूह के वैश्विक अध्यक्ष और सीईओ बने। वे गर्व से खुद को 'मेक इन इंडिया' का एक आदर्श उदाहरण कहते हैं।
भारत का खेल बुनियादी ढांचा अपने सिख समुदाय की एथलेटिक क्षमता को विकसित करने और उजागर करने में सहायक रहा है। हाल ही में 19वीं एशियाई खेलों में क्रिकेट प्लेयर हरमनप्रीत कौर, हॉकी प्लेयर मनप्रीत सिंह और डिस्कस थ्रोअर कमलजीत कौर ने स्वर्ण व कांस्य पदक जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में भी सिखों ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है। सरदार दिलजीत दोसांझ ने गायक, अभिनेता और निर्माता के तौर पर एक अलग पहचान बनाई है। वहीं सनी देओल ने भी "बॉर्डर" और "गदर" जैसी फिल्मों से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई है।
महेंद्र पाल सिंह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सिर्फ एक वैज्ञानिक नहीं हैं। वह पूरे भारत के सपनों, आकांक्षाओं और गौरव का प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत के चंद्रयान-3 मिशन की ऐतिहासिक चंद्र सॉफ्ट लैंडिंग के पीछे एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में काम करते हुए इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया है।
बता दें साम्राज्य बनाने से लेकर विज्ञान के क्षेत्र में सिखों ने अमिट छाप छोड़ी है। भारत के सिख युवाओं ने देश की विकास गाथा में अहम योगदान दिया है। अंत में ये कहा जा सकता है कि भारत में सिखों के इतिहास को सदियों तक याद किया जाएगा।