''यह संविधान की और लोकतंत्र की जीत है'', राहुल गांधी की सजा पर रोक लगने के बाद बोले खरगे...जानें और क्या कहा?

punjabkesari.in Friday, Aug 04, 2023 - 05:50 PM (IST)

नई दिल्लीः मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के बाद पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को कहा कि यह संविधान की और लोकतंत्र की जीत है तथा यह उम्मीद अभी बाकी है कि न्याय मिल सकता है। खरगे ने कहा ‘‘आज खुशी का, बड़ा दिन है। यह सिर्फ राहुल गांधी की ही जीत नहीं है। यह संविधान की जीत है, लोकतंत्र की जीत है, यह वायनाड के लोगों और मतदाताओं की जीत है और भारत की जनता की जीत है। सत्यमेव जयते।''

कांग्रेस अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा ‘‘हम फैसले का स्वागत करते हैं। अभी संविधान जिंदा है। न्याय मिल सकता है और यह उम्मीद अभी बाकी है।'' खरगे ने कहा ‘‘राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराने में 24 घंटे लगे। अब देखते हैं कि उनकी सदस्यता बहाल करने में कितने घंटे लगेंगे। हम लोकसभा अध्यक्ष के आदेश का इंतजार करेंगे।''

उच्चतम न्यायालय ने ‘मोदी उपनाम' को लेकर की गई कथित विवादित टिप्पणी के संबंध में 2019 में दायर आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाते हुए शुक्रवार को उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल करने का रास्ता साफ कर दिया। शीर्ष अदालत ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। हाईकोर्ट ने ‘मोदी उपनाम' से जुड़े मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता की सजा पर रोक लगाने के अनुरोध वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में ‘मोदी सरनेम' के संबंध में की गई कथित विवादित टिप्पणी को लेकर राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था। सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी। फैसले के बाद राहुल गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। मानहानि मामले में 23 मार्च को दोषी ठहराए जाने के 24 घंटे के भीतर, 24 मार्च को लोकसभा सचिवालय ने पार्टी के नेता व पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सदन की सदस्यता से अयोग्य करार देने की घोषणा की। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा।

इसके बाद राहुल को 22 अप्रैल तक उनका 12 तुगलक लेन स्थित सरकारी बंगला खाली करने को कहा गया था जहां वह करीब दो दशक से रह रहे थे। उन्होंने 22 अप्रैल को वह बंगला खाली कर दिया और अपनी मां सोनिया गांधी के आवास पर कुछ समय के लिए रहने चले गए। गुजरात उच्च न्यायालय ने ‘‘मोदी उपनाम'' वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने का अनुरोध करने संबंधी उनकी याचिका सात जुलाई को खारिज कर दी थी। राहुल ने हाईकोर्ट के इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी।


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Content Writer

Yaspal

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