मुसलमानों एकजुट हो जाओ, चलो दुश्मन को खत्म करें... खामेनेई का किया आह्वान, इजरायल को फिर धमकाया

punjabkesari.in Friday, Oct 04, 2024 - 05:17 PM (IST)

नेशनल डेस्क: ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्ला अली खामेनेई ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण और गूंजता हुआ बयान दिया है, जिसमें उन्होंने दुनिया के सभी मुसलमानों को एकजुट होकर अपने दुश्मनों के खिलाफ खड़ा होने का आह्वान किया है। यह बयान उन्होंने तेहरान की ग्रैंड मस्जिद में शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान दिया, जो कि एक प्रतीकात्मक अवसर था। इस नमाज में खामेनेई ने विशेष रूप से हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह की याद में नमाज अदा की, जिनकी मौत हाल ही में एक इजरायली हवाई हमले में हुई थी।

नसरल्लाह की याद में नमाज
हसन नसरल्लाह की हत्या ने ईरान और उसके समर्थक गुटों में एक गहरा आक्रोश उत्पन्न किया है। खामेनेई ने कहा कि यह समय है कि मुसलमान एकजुट होकर दुश्मनों के खिलाफ खड़े हों। उन्होंने अपने संबोधन में कुरान की उन शिक्षाओं का हवाला दिया, जो एकता और सहयोग की आवश्यकता पर जोर देती हैं। उनका कहना था कि जब मुसलमान एकजुट होते हैं, तो उन्हें खुदा का आशीर्वाद प्राप्त होता है, और वे अपने दुश्मनों पर विजय हासिल कर सकते हैं।

इजरायल के खिलाफ जंग की चेतावनी
खामेनेई ने इजरायल के खिलाफ संभावित जंग की चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा, "अगर जरूरत पड़ी, तो हम इजरायल पर फिर से हमला करेंगे।" यह बयान इस बात का संकेत है कि ईरान अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। उन्होंने अरब देशों से अपील की कि वे भी इस संघर्ष में ईरान का समर्थन करें और इजरायल के खिलाफ खड़े हों।

फिलिस्तीनी अधिकारों का समर्थन
सुप्रीम लीडर ने फिलिस्तीन के मुद्दे को भी अपने संबोधन में प्रमुखता से रखा। उन्होंने कहा कि "फिलिस्तीन पर दुश्मनों का कब्जा है, और फिलिस्तीनियों को अपनी जमीन वापस पाने का हक है।" खामेनेई ने स्पष्ट किया कि ईरान, लेबनान, इराक, मिस्र, सीरिया और यमन सभी देशों के मुसलमानों के लिए एकजुटता आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि दुश्मन हर जगह एक समान तरीके से काम कर रहा है, और यह महत्वपूर्ण है कि मुसलमान इसे समझें और एक साथ मिलकर काम करें।

मस्जिद में जुमे की नमाज का माहौल
इस नमाज के दौरान, हजारों की संख्या में लोग ग्रैंड मस्जिद में इकट्ठा हुए। नमाजियों ने हिजबुल्लाह के समर्थन में नारे लगाते हुए लेबनानी और फिलिस्तीनी झंडे लहराए। कई लोगों ने नसरल्लाह और कासिम सुलेमानी के पोस्टर भी उठाए, जो ईरानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कमांडर थे और जिन्हें पांच साल पहले मारा गया था। 

ईरान ने करीब 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी
खामेनेई ने इजरायल पर हाल में किए गए मिसाइल हमलों का भी उल्लेख किया, जिसमें ईरान ने करीब 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं। यह हमले नसरल्लाह और अन्य प्रमुख हस्तियों की हत्या का प्रतिशोध थे। खामेनेई ने यह स्पष्ट किया कि फिलिस्तीनियों का बचाव करना और उनकी मदद करना जायज है, क्योंकि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं।

खामेनेई का यह बयान न केवल ईरान की विदेश नीति को स्पष्ट करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि ईरान और हिजबुल्लाह के बीच संबंध कितने मजबूत हैं। इस प्रकार की अपीलें निश्चित रूप से क्षेत्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती हैं, और मुसलमानों के बीच एकजुटता को बढ़ावा देने के लिए एक प्रेरणा बन सकती हैं। यह घटनाक्रम ईरान की भूमिका को मध्य पूर्व में और भी प्रमुख बनाता है और वैश्विक इस्लामी राजनीति में नई गतिशीलता पैदा कर सकता है।


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Content Editor

Mahima

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