मणिपुर में फिर शुरू हुई हिंसा के पीछे खालिस्तानी आतंकियों का हाथ, एजेंसियों को मिले सबूत
punjabkesari.in Monday, Oct 02, 2023 - 06:06 PM (IST)

नई दिल्ली : मणिपुर में फिर से शुरू हुई हिंसा के पीछे खालिस्तानी आतंकियों का भी हाथ है। खुफिया एजेंसियों को सबूत मिले हैं कि कनाडा में खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या के बाद कुकी समुदाय के एक शीर्ष नेता ने आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के साथ बैठक की। 3 घंटे चली इस बैठक के बाद खालिस्तानी नेटवर्क के जरिए करोड़ों रुपए हवाला से मणिपुर में उपद्रवियों तक पहुंचाए गए। भारतीय एजेंसियों को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया स्थित सरे के एक गुरुद्वारे में आयोजित खालिस्तानी समर्थकों की सभा का वीडियो मिला है। इसमें कुकी अलगाववादी नेता लीन गंग्ते भी मौजूद है। गंग्ते नार्थ अमेरिकन मणिपुर ट्राइबल एसोसिएशन (एनएएमटीए) यानी नामटा का प्रमुख है। 2 मिनट 20 सेकंड के इस वीडियो में गंग्ते वहां मौजूद लोगों को संबोधित कर रहा है।
कनाडा से शरण मांग रहे कुकी नेता
गंग्ते ने कनाडा के गुरुद्वारे में आयोजित कार्यक्रम में भारत विरोधी भाषण में कहा- 'जिस तरह से आप लोग खालिस्तान की मांग कर रहे हैं, उसी तरह हम भी अलग मणिपुर के लिए लड़ रहे हैं। मणिपुर में हमारे समुदाय के नेताओं को सरकार मिटा देना चाहती है। उन्हें कनाडा में राजनीतिक शरण दी जाए। हमारे समुदाय को भी कनाडा में सियासी तौर पर आगे बढ़ने का मौका मिले।' इसके बाद गुरुनानक गुरुद्वारा समिति सर्रे की ओर से कुछ खालिस्तानी समर्थकों ने गंग्ते को आगे की रणनीति साथ मिलकर बनाने का भरोसा दिया।
मणिपुर में आतंकी कनेक्शन को लेकर पहली गिरफ्तारी
एनआईए ने सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में मणिपुर में पहली गिरफ्तारी की है। एनआईए ने चूराचांदपुर से सेइमीन्लुन गंग्ते को हिरासत में लिया है। गंग्ते पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। आरोप है कि आतंकी संगठन चिन कुकी-मिजो लोगों के लिए अलग राज्य बनाने के लिए युद्ध छेड़ने की साजिश रच रहे हैं।
उच्चायुक्त को गुरुद्वारा साहिब में जाने से रोका
खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी को स्कॉटलैंड के एक गुरुद्वारा साहिब में प्रवेश से रोक दिया। उन्हें लौटना पड़ा। भारत ने इस बारे में ब्रिटेन के समक्ष कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। खालिस्तान समर्थकों ने कहा कि यहां आने वाले भारत सरकार के समर्थकों के साथ ऐसा ही किया जाएगा।