डॉक्टरों ने कर दिखाया कमाल: 10 घंटे की सर्जरी में 7 साल के मासूम के दिमाग से निकाली 8 CM लंबी कील
punjabkesari.in Friday, May 30, 2025 - 03:06 PM (IST)

नेशनल डेस्क। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) एक बार फिर अपनी असाधारण विशेषज्ञता और मानव सेवा के लिए सुर्खियों में है। डॉक्टरों की एक टीम ने 10 घंटे की जटिल सर्जरी कर 7 साल के एक मासूम बच्चे के दिमाग में गर्दन के रास्ते घुसी 8 सेंटीमीटर लंबी कील को सफलतापूर्वक निकाल कर उसे नया जीवन दिया है। चिकित्सा विज्ञान के इतिहास में इसे एक अविश्वसनीय और मिसाल कायम करने वाली सर्जरी के रूप में देखा जा रहा है।
खेल-खेल में हुआ जानलेवा हादसा
बलरामपुर के जवाजपुर गांव का रहने वाला यह बच्चा 15 मई को घर के बाहर खेलते समय अचानक गिर पड़ा। दुर्भाग्यवश गिरते ही एक तेज़ और लंबी कील उसकी गर्दन में जा घुसी जो धीरे-धीरे उसके मस्तिष्क तक पहुंच गई। बच्चे की गंभीर हालत देखकर परिवारवाले उसे पहले नज़दीकी निजी अस्पताल ले गए और फिर जिला अस्पताल में दिखाया जहाँ से उसकी नाजुक स्थिति को देखते हुए उसे तत्काल KGMU लखनऊ रेफर कर दिया गया।
KGMU में डॉक्टरों की टीम ने संभाला मोर्चा
16 मई की रात लगभग 1 बजे बच्चे को KGMU के ट्रॉमा सेंटर लाया गया। यहाँ डॉ. समर और डॉ. आशुतोष ने तुरंत बच्चे की जांच की और मामले की गंभीरता को देखते हुए सीनियर डॉक्टरों तक पहुंचाया। इसके बाद डॉ. वैभव जायसवाल और उनकी टीम ने बच्चे को तुरंत भर्ती कर उसकी पूरी स्थिति का गहन मूल्यांकन किया। इस जटिल केस के लिए न्यूरोसर्जरी, ईएनटी (कान, नाक, गला) और पीडियाट्रिक (बाल रोग) विशेषज्ञों सहित एक मल्टी-डिसिप्लिनरी टीम का गठन किया गया।
जितनी जटिल सर्जरी, उतनी ही शानदार कामयाबी
जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि कील गर्दन के रास्ते से होते हुए मुँह को चीरकर खून की एक बड़ी नली के एकदम पास से होकर मस्तिष्क में जा धंसी थी। डॉक्टरों के अनुसार ज़रा सी चूक भी बच्चे की जान ले सकती थी।
इस बेहद संवेदनशील और जटिल ऑपरेशन को ट्रॉमा इमरजेंसी विभागाध्यक्ष डॉ. संदीप तिवारी और डॉ. समीर मिश्रा की देखरेख में अंजाम दिया गया। लगभग 10 घंटे तक चली यह लंबी और सुनियोजित सर्जरी पूरी तरह से सफल रही। यह मेडिकल टीम की विशेषज्ञता और धैर्य का ही नतीजा था कि उन्होंने बिना किसी बड़ी क्षति के कील को बाहर निकाल लिया।
मासूम की मुस्कान लौटी, तेज़ी से हो रहा स्वस्थ
सर्जरी के बाद बच्चे को पीआईसीयू में भर्ती किया गया जहाँ डॉक्टरों ने उसकी हर गतिविधि पर बारीकी से नज़र रखी। अब राहत की बात यह है कि बच्चा पूरी तरह से खतरे से बाहर है और तेज़ी से स्वस्थ हो रहा है। डॉक्टरों की टीम लगातार उसकी रिकवरी पर नज़र रखे हुए है।
KGMU के डॉक्टरों की यह उपलब्धि न केवल बच्चे के जीवन के लिए एक वरदान है बल्कि चिकित्सा विज्ञान में एक नया अध्याय भी जोड़ती है जो यह साबित करती है कि सही विशेषज्ञता और अथक प्रयास से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।