केजरीवाल का PM मोदी पर हमला: जनता 50 दिन क्‍या, 50 घंटे भी इंतजार करने के मूड में नहीं

punjabkesari.in Monday, Nov 14, 2016 - 12:26 PM (IST)

नई दिल्‍लीः 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करने के बाद हो रही दिक्‍कतों पर दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार और मोदी पर हमला बोला है। पीएम मोदी द्वारा लोगों से 50 दिन तक परेशानी उठाने की भावुक अपील के पर केजरीवाल ने कहा कि अब 50 दिन क्‍या, 50 घंटे तक भी जनता इंतजार करने के मूड में नहीं है और पूरे देश में इमर्जेंसी जैसे हालात पैदा हो गए हैं।

50 दिन पर केजरीवाल का निशाना
केजरीवाल ने कहा, 'प्रधानमंत्री जापान से आए और उन्‍होंने नोटबंदी के कारण लोगों को हो रही दिक्‍कत के मद्देनजर 50 दिन तक सहयोग करने की मांग की। तो क्‍या आम आदमी अगले 50 दिनों तक और कष्‍ट उठाता रहेगा। क्‍या लोगों को अगले 50 और दिनों तक लाइन में खड़े होकर गुजारने होंगे। जिस दिन उन्‍होंने ऐलान किया था उस दिन तो कहा था कि दो दिनों मे सब ठीक हो जाएगा, दो दिनों में सभी जगह पैसा पहुंच जाएगा। अगले दिन उन्‍होंने कहा कि 10 दिन लगेंगे, फिर अरुण जेटली जी ने कहा कि दो-तीन हफ्ते लगेंगे और अब पीएम कह रहे हैं कि 50 दिन लगेंगे। लोग भूखों मर रहे हैं।

जनता को क्‍यों दुखी किया?
दिल्‍ली के सीएम ने कहा, 'गोवा में प्रधानमंत्री के भाषण के बाद से लोगों के बीच काफी डर का माहौल है। पीएम ने अपने भाषण में लाइनों में लगे लोगों के लिए जिस तरह की भाषा इस्‍तेमाल की, लोगों का मजाक उड़ाया और उन्‍हें माफी मांगनी चाहिए। उन्‍होंने आज बार-बार कहा कि सवा सौ करोड़ लोग तो ईमानदार हैं, कुछ लाख लोग बेईमान हैं। तो कुछ लाख लोगों को क्‍यों नहीं पकड़ते। सवा सौ करोड़ लोगों को क्‍यों दुखी कर रखा है। सारे सवा सौ करोड़ तो लाइनों में लगे हुए हैं। कुछ लाख लोगों से दोस्‍ती करके बैठे हुए हैं। चुनाव के पहले आपने कहा था कि मैं रॉबर्ट वाड्रा को जेल भेजूंगा, देश के भ्रष्‍टाचारियों को जेल भेजूंगा। अब आपने उनके साथ दोस्‍ती कर ली।

तो नहीं मिलता एक भी वोट
केजरीवाल ने कहा कि अगर मोदी ने नोटबंदी के फैसले के बारे में चुनाव से पहले बता दिया होता तो उन्‍होंने एक भी वोट नहीं मिलता। जिनके पास स्विस बैंकों में खाते हैं, उनके खिलाफ आपने कोई कार्रवाई नहीं की और आम जनता को परेशान किया। मोदी जी अहंकार छोड़िए और नोटबंदी के फैसले को वापस ले लीजिए। नोटबंदी का फैसला वापस लेने के अलावा और कोई दूसरा उपाय नहीं है। सरकार चाहे तो इंतजाम पुख्ता कर इस नियम को फिर से लागू कर सकती है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News