Delhi Liquor Scam: कोर्ट से CM केजरीवाल को नहीं मिली राहत, न्यायिक हिरासत 20 अगस्त तक बढ़ाई

punjabkesari.in Thursday, Aug 08, 2024 - 04:46 PM (IST)

नई दिल्ली : दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के संदर्भ में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 20 अगस्त तक बढ़ा दिया है। इस मामले में तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किए गए केजरीवाल की जमानत के संबंध में कई महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आए हैं।

राउज एवेन्यू कोर्ट की सुनवाई
राउज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत की अवधि को 20 अगस्त तक बढ़ा दिया है। इस सुनवाई में केजरीवाल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत के सामने पेश किया गया। इससे पहले, उन्हें लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान प्रचार के लिए जमानत दी गई थी, लेकिन चुनाव समाप्त होने के बाद से वह तिहाड़ जेल में ही बने हुए हैं।

दिल्ली HC का निर्णय
दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने उन्हें तिहाड़ जेल से बाहर आने की अनुमति देने से इंकार कर दिया। इसके अलावा, सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी को अवैध बताने वाली याचिका और अंतरिम जमानत याचिका भी कोर्ट ने खारिज कर दी है। अदालत ने केजरीवाल को जमानत के लिए निचली अदालत में जाने की सलाह दी है।

SC में याचिका
दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के बाद, अरविंद केजरीवाल अब इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे। यह स्पष्ट हो गया है कि वह इस समय जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे, और उनकी कानूनी टीम इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की तैयारी कर रही है।

ED से पूछताछ
दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से पूछा कि अरविंद केजरीवाल को दी गई जमानत को चुनौती देने वाली याचिका में अब कौन सा पहलू बचा है। इस संदर्भ में न्यायमूर्ति कृष्णा ने टिप्पणी की कि पिछली बार भी स्थगन की मांग की गई थी और अब बार-बार तारीख बदलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि, ईडी के वकील ने बताया कि तारीख की मांग उनके द्वारा नहीं की गई थी, बल्कि केजरीवाल के वकील द्वारा की गई थी।

मामले की अगली सुनवाई
इस मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर को निर्धारित की गई है। अदालत ने इस मामले की त्वरित सुनवाई की आवश्यकता पर बल दिया है और जमानत की याचिका को लेकर जल्द से जल्द निर्णय देने की बात कही है। इन घटनाक्रमों के बीच, दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य पर इस मामले का गहरा प्रभाव पड़ रहा है और इसके आगे के कानूनी पहलुओं पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं।

 

 

 

 

 

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Content Editor

Utsav Singh

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