कश्मीर में बाढ़ की स्थिति: महबूबा ने बुलाई बैठक

punjabkesari.in Friday, Apr 07, 2017 - 01:51 PM (IST)

श्रीनगर : मुख्यमंत्री, महबूबा मुफ्ती ने पिछले कश्मीर घाटी में लगातार बारिश और बर्फ  से होने वाली स्थिति की निगरानी और उपयुक्त उपाय के लिए एक एकीकृत नियंत्रण कक्ष के तत्काल गठन का निर्देश दिया। उन्होंने संभागीय प्रशासन को खराब मौसम के मद्देनजर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए भी कहा।
मुख्यमंत्री ने श्रीनगर में अधिकारियों की एक बैठक में कश्मीर घाटी के कई हिस्सों में बारिश और जल प्रवेश की उभरती हुई स्थिति को देखते हुए प्रशासन की तैयारियों और उठाए जाने वाले कदमों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिया कि उभरती हुई स्थितियों से समन्वित दृष्टिकोण के साथ निपटने के लिए संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी को नियंत्रण कक्ष में नियुक्त किया जाएगा।  उन्होंने बाढ़ प्रवण क्षेत्रों के लिए आकस्मिक योजना तैयार करने का भी निर्देश दिया और आपातकालीन निकासी के मामले में पास की इमारतों को उपलब्ध कराने को कहा।  


महबूबा मुफ्ती ने जिला स्तर पर इसी तरह के नियंत्रण कक्षों का भी गठन करने और मंडलायुक्त, कश्मीर से इन कंट्रोल रूम के कामकाज की निगरानी और इन जिलों में बचाव के प्रयासों का समन्वय करने के लिए कहा। उन्होंने इन जिलों में यहां तटबंध टूटनेया जल प्रवेश की संभावना है, सभी स्थानों पर बचाव कार्यों की बारीकी से निगरानी करने को कहा। महबूबा मुफ्ती ने बाढ़ नियंत्रण विभाग के इंजीनियरों को नदियों और नदियों के किनारों, य 2014 के बाढ़ के दौरान तटबंध टूटे हैं,   पर गश्त लगाने के लिए अपने सभी कर्मचारियों और मशीनरी को तैनात करने का निर्देश दिया।


मुख्यमंत्री को बताया गया कि शहर के विभिन्न स्थानों पर 60 हजार रेत की बोरियां तैयार की गई हैं जिनका, यदि जरूरत हो, तो तटों के टूटने से जल प्रवाह को रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने महत्वपूर्ण स्थानों पर, जहां लोगों को निकालने या किसी भी मदद के लिए आवश्यकता हो सकती है, पर्याप्त संख्या में नौकाओं की व्यवस्था करने और उन्हें तैनात करने का निर्देश दिया। बैठक में बताया गया कि मौसम में 7 अप्रैल से सुधार होने की संभावना है और पहले से ही झेलम में जलस्तर बढऩे की दर धीमी होना शुरू हो गई है।

जल निकासी के निर्देश
महबूबा मुफ्ती ने एसएमसी प्राधिकारियों को जल निकासी लिए जल निकासी के सभी स्थानों पर पानी निकालने के पंप लगाने का निर्देश दिया। उन्होंने पीडीडी अधिकारियों से इन पंपों के लिए चौबिस घंटे बिजली आपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए कहा।
मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने के लिए मुख्य अभियंता, आरएंडबी को घाटी में प्रमुख सडक़ों को खोलने और कहीं भी गिरे पेड़ या किसी अन्य बाधा के कारण अवरूद्ध सडक़ को स्पश्ट कोई भी सडक़ निर्देश दिया। उन्होंने विशेष रूप से आज शाम तक टंगमर्ग-गुलमर्ग रोड पर गिरते पेड़ों और बर्फ को हटाने का निर्देश दिया ताकि विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के लिए सडक़ संचार खुला रहे और वहां पर्यटक फंसे नहीं। उन्होंने शाम तक संग्रामा-बारामूला रोड को साफ करने भी निर्देंष दिया।

फंसे हुए यात्रियों को निकालने को कहा
श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति पर, मुख्यमंत्री ने आईजीपी यातायात को सडक़ को दोबारा खोलने और वहां पर फंसे यात्रियों को निकालने को प्राथमिकता देने के निर्देश दिया। बैठक में बताया गया कि  फायर एंड इमरजेंसी सर्विस डिपार्टमेंट ने जल निकासी के लिए अपने 16 फायर टेंडर और छह डिवॉटरिंग पंप श्रीनगर शहर के 20 अलग-अलग स्थानों पर तैनात किए हैं। स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में, मुख्यमंत्री को सूचित किया गया कि  शहर के अस्पतालों और स्कीम्स को किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं और इन सभी अस्पतालों में सभी आवश्यक उपकरण पर्याप्त रूप से रखे गए हैं।
सेना की 15 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जे एस संधू, मंडलायुक्त कश्मीर बसीर अहमद खान, पुलिस महानिरीक्षक कश्मीर एसजेएम गिलानी, कई विभागों और अन्य अधिकारियों के प्रमुख बैठक में उपस्थित थे।

 


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