कर्नाटक कांग्रेस का बड़ा आरोप, आरएसएस और तालिबान की मानसिकता एक जैसी है
punjabkesari.in Monday, Oct 13, 2025 - 03:57 PM (IST)
नेशनल डेस्क : कर्नाटक कांग्रेस के एमएलसी यतिंद्र सिद्धारमैया और मंत्री प्रियंक खरगे ने हाल ही में आरएसएस (Rashtriya Swayamsevak Sangh) की नीतियों की तुलना तालिबान से की। यतिंद्र सिद्धारमैया ने कहा कि आरएसएस में एक ‘तालिबानी मानसिकता’ दिखाई देती है और यह हिंदू धर्म का एक ही अर्थ थोपने की कोशिश करता है, ठीक वैसे ही जैसे तालिबान इस्लाम में करता है।
तालिबान और RSS महिलाओं का सम्मान नहीं करते
सिद्धारमैया ने कहा कि आरएसएस धर्म में एक विशेष दृष्टिकोण अपनाने की कोशिश करता है और महिलाओं की स्वतंत्रता पर पाबंदियां लगाता है। उनके अनुसार, यह दृष्टिकोण तालिबान की सोच के समान है। प्रियंक खरगे ने कहा कि हर तरह का कट्टरवाद तालिबान की तरह ही है। तालिबान और आरएसएस दोनों महिलाओं का सम्मान नहीं करते और संविधान का भी सम्मान नहीं करते। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों गरीबों का इस्तेमाल अपने कारणों के लिए करते हैं।
प्रियंक खरगे ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर सरकारी संस्थानों, खेल मैदानों और मंदिरों में आरएसएस गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस शाखाओं और सभाओं के जरिए बच्चों और युवाओं को अलग करने और अपने विचार फैलाने का काम करता है।
बीजेपी का पलटवार
कर्नाटक बीजेपी ने प्रियंक खरगे के खिलाफ पलटवार करते हुए उनका 2002 का एक फोटो शेयर किया, जिसमें वो बेंगलुरु में आरएसएस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। प्रियंक ने इसे ‘झूठा प्रचार’ करार देते हुए कहा कि उनके पिता केवल कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कार्यक्रम में गए थे, न कि आरएसएस का समर्थन करने।
बीजेपी नेता सीटी रवि ने आरएसएस का बचाव करते हुए कहा कि अनुच्छेद 19 संगठन बनाने की अनुमति देता है और आरएसएस सामाजिक कल्याण के लिए काम करता है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या समाज सेवा करना अपराध है।
