ये हैं 26/11 हमले के रियल हीरो, बीवी-बच्चों की माैत के बावजूद बचाई दूसरों की जान!(Pics)

punjabkesari.in Saturday, Nov 26, 2016 - 02:23 PM (IST)

मुंबईः मुंबई में 26/11 को हुए आतंकी हमले की आज आठवीं बरसी है। आज भी हमले के बारे में सोचकर लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं कि कैसे 8 साल पहले आज ही के दिन शाम के वक्त गेटवे ऑफ इंडिया के रास्ते आतंकी शहर में घुसे और सीएसटी रेलवे स्टेशन, नरीमन हाउस, होटल ताज और होटल ओबरॉय में गोलीबारी की। भले ही मुंबई की रफ्तार वापस पटरी पर लौट आई हो, लेकिन उस खूनी संघर्ष काे याद कर अाज भी चश्‍मदीदाें की अांखे नम हाे जाती है। 

कांग ने दिखाया अदम्य साहस
26 नवंबर 2008 काे होटल के तत्कालीन जनरल मैनेजर करमबीर सिंह कांग ने जो साहस दिखाया, वो एक मिसाल है। उनके सामने उनकी पत्नी और बच्चों के शव पड़े थे लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और दूसरों की मदद करते रहे। कांग ने बेहतरीन कोऑर्डिनेशन की बदौलत होटल में मौजूद सैकड़ों लोगों की तो जान बचा ली थी, मगर अपनी बीवी नीति (40) और दोनों बेटों उदय (14) व समर (5) को खो बैठे। तीनों की लाश होटल में उनके कमरे के एक टॉयलेट से मिली। इस हिम्मत के लिए कांग को फोर्ब्स पर्सन ऑफ द ईयर चुना गया था। 

फ्रांस के राष्ट्रपति ने किया सम्मानित
हमले के वक्त होटल में मौजूद सैकड़ों अतिथियों में फ्रांस के भी नागरिक थे, जिन्हें बचाने में कांग ने मदद की, जिसके उपरांत फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति निरोलस सरकोजी ने कांग को हमले के दौरान साहस दिखाने पर 'ऑफिसर ऑफ नेशनल ऑर्डर ऑफ मेरिट' का पदक देकर सम्मानित किया। कांग इस समय अमरीका में ताज होटल के एरिया डायरेक्टर हैं। 

कंधों पर थी दोहरी जिम्मेदारी
दरअसल आतंकियों ने ताज की छठीं मंजिल पर जिस कमरे में आग लगाई थी, उसी में कांग की पत्नी और उनके 2 बच्चे मौजूद थे। कांग पर उस वक्त दोहरी जिम्मेदारी थी। अपने परिवार को सुरक्षित निकालने और साथ ही होटल में फंसे बाकी लोगों को बचाने की। इसके लिए उन्हाेंने सुरक्षा एजेंसियों के साथ कोऑर्डिनेशन की। कांग की मदद से कई लोगों की जिंदगियां बचा ली गईं थीं, लेकिन कांग का परिवार बिखर गया। जब तक फायर ब्रिगेड के जवान आग बुझाकर उस कमरे में पहुंचते, कांग की पत्नी और दोनों बच्चे कोयले के ढेर में तब्दील हो चुके थे।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News