ग्रीन कार्ड को लेकर JD Vance का अलर्ट, अमेरिका में रह रहे भारतीयों के लिए नया खतरा?
punjabkesari.in Saturday, Mar 15, 2025 - 12:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अमेरिका के उपराष्ट्रपति JD Vance ने हाल ही में एक इंटरव्यू में ग्रीन कार्ड पर अपने बयान से अमेरिका में रह रहे भारतीयों और अन्य विदेशी नागरिकों के बीच चिंता बढ़ा दी है। वेंस ने साफ तौर पर कहा कि ग्रीन कार्ड का मतलब यह नहीं है कि कोई विदेशी व्यक्ति अमेरिका में अनिश्चितकाल तक रह सकता है। उनके इस बयान ने उन लाखों ग्रीन कार्ड धारकों को चिंता में डाल दिया है, जो अमेरिका में स्थायी निवास और नागरिकता की उम्मीद में हैं।
ग्रीन कार्ड का महत्व और वेंस का बयान
ग्रीन कार्ड, जिसे स्थायी निवास कार्ड भी कहा जाता है, विदेशी नागरिकों को अमेरिका में स्थायी रूप से रहने और काम करने की अनुमति देता है। इसके माध्यम से व्यक्ति अमेरिका की नागरिकता के लिए आवेदन भी कर सकता है। अमेरिका में ग्रीन कार्ड धारकों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिसमें भारतीयों की संख्या भी बड़ी है। हाल ही में, JD Vance ने फॉक्स न्यूज पर 'द इंग्राहम एंगल' के होस्ट लॉरा इंग्राहम के साथ एक इंटरव्यू में कहा, "ग्रीन कार्ड धारक के पास अमेरिका में अनिश्चितकाल तक रहने का अधिकार नहीं होता।
यह किसी प्रकार का नागरिकता का अधिकार नहीं है।" उन्होंने यह भी कहा कि ग्रीन कार्ड एक तरह से अमेरिकी सरकार को यह तय करने का अधिकार देता है कि कौन व्यक्ति अमेरिकी नागरिकता में शामिल होगा और कौन नहीं। वेंस ने आगे कहा, "ग्रीन कार्ड का मतलब यह नहीं है कि आप हमेशा के लिए अमेरिका में रह सकते हैं। अगर अमेरिकी सरकार, यानी राष्ट्रपति या विदेश मंत्री यह तय करते हैं कि किसी व्यक्ति को अमेरिका में नहीं रहना चाहिए, तो उस व्यक्ति को देश से बाहर किया जा सकता है।" यह बयान कोलंबिया विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट और ग्रीन कार्ड धारक महमूद खलील की गिरफ्तारी के संदर्भ में आया, जिन्हें इजरायल-हमास संघर्ष के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में उनकी भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था।
ट्रंप प्रशासन के समय प्रवासियों पर सख्ती
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका में प्रवासियों पर कड़ी नीतियां लागू की गई हैं। ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं, और अवैध प्रवासियों को सैन्य विमानों के जरिए उनके देशों में भेजने की प्रक्रिया शुरू की है। इसके अलावा, वैध प्रवासियों के लिए भी वीजा और ग्रीन कार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया को जटिल बना दिया गया है। ट्रंप के कार्यकाल में यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि अमेरिका में स्थायी या अस्थायी तौर पर रहना और नागरिकता प्राप्त करना अब पहले से कहीं अधिक कठिन हो गया है।
भारत में ग्रीन कार्ड धारकों की स्थिति
अमेरिका में करीब 28 लाख भारतीय ग्रीन कार्ड धारक हैं। यह संख्या लगातार बढ़ रही है, क्योंकि भारत से बड़ी संख्या में लोग बेहतर शिक्षा और रोजगार के अवसरों के लिए अमेरिका जाते हैं। ग्रीन कार्ड धारक भारतीयों के लिए यह एक अवसर है, जिससे वे अमेरिका में स्थायी निवास प्राप्त कर सकते हैं और नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन अब, वेंस के बयान ने ग्रीन कार्ड धारकों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या उनका भविष्य अमेरिका में सुरक्षित है।
अमेरिकी नागरिकता की प्रक्रिया
ग्रीन कार्ड धारकों के लिए अमेरिका में स्थायी नागरिकता प्राप्त करने का मार्ग खुले तौर पर उपलब्ध है, लेकिन यह प्रक्रिया समय लेती है। ग्रीन कार्ड धारक को पहले पांच साल तक अमेरिका में स्थायी रूप से रहना पड़ता है, उसके बाद वे नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, वेंस के बयान से यह साफ हो गया है कि ग्रीन कार्ड एक स्थायी अधिकार नहीं है, और अमेरिकी सरकार के निर्णय के आधार पर किसी भी समय ग्रीन कार्ड धारक को अमेरिका छोड़ने का आदेश दिया जा सकता है। JD Vance के ग्रीन कार्ड पर दिए गए बयान से अमेरिका में रह रहे भारतीयों और अन्य विदेशी नागरिकों के बीच चिंता बढ़ गई है। उनका कहना है कि ग्रीन कार्ड धारकों को यह गारंटी नहीं मिलती कि वे अनिश्चितकाल तक अमेरिका में रह सकते हैं, और यदि अमेरिकी सरकार यह तय करती है कि कोई व्यक्ति देश में नहीं रह सकता, तो उसे बाहर किया जा सकता है। इस बयान ने अमेरिका में नागरिकता और प्रवासी नीतियों को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।