बयान पर बवाल मचा तो US उपराष्ट्रपति वेंस बोले-"पत्नी उषा हिंदू ही रहेंगी... धर्म परिवर्तन कभी नहीं, उन्होंने ही मुझे मेरे धर्म से दोबारा जोड़ा"
punjabkesari.in Saturday, Nov 01, 2025 - 01:30 PM (IST)
Washington: अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस (JD Vance) ने अपने उस बयान का बचाव किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि उनकी पत्नी उषा वेंस, जो हिंदू हैं, एक दिन ईसाई धर्म अपना सकती हैं। वेंस ने कहा कि दरअसल, उनकी पत्नी उषा हिंदू ही रहेंगी। वही थीं जिन्होंने कई साल पहले उन्हें अपने धर्म के प्रति दोबारा जुड़ने के लिए प्रेरित किया था। वेंस ने ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “मेरी पत्नी ने मुझे मेरे धर्म से फिर जुड़ने के लिए प्रेरित किया था। वह खुद ईसाई नहीं हैं और धर्म परिवर्तन की कोई योजना भी नहीं है। लेकिन जैसे कई अंतरधार्मिक विवाहों में होता है, मैं उम्मीद करता हूं कि एक दिन वह भी मेरी तरह चीज़ों को देख सकें।”
बुधवार को मिसिसिपी में आयोजित टर्निंग पॉइंट यूएसए (TPUSA) की रैली में एक सवाल के जवाब में वेंस ने कहा था कि वह ईसाई ‘गॉस्पेल’ पर विश्वास करते हैं और उम्मीद करते हैं कि उनकी पत्नी भी एक दिन इसे वैसे ही समझेंगी। उन्होंने बताया कि उषा वेंस का पालन-पोषण एक हिंदू परिवार में हुआ, लेकिन उनका परिवार बहुत धार्मिक नहीं था। वेंस ने कहा कि उनकी पत्नी हर रविवार परिवार के साथ चर्च जाती हैं और उनके बच्चे ईसाई परंपरा में पले-बढ़े हैं। उन्होंने यह भी कहा, “उषा उन पादरियों के ज्यादा करीब हैं जिन्होंने मेरा बपतिस्मा किया, शायद मुझसे भी ज्यादा।”
हालांकि, जून में एक साक्षात्कार में उषा वेंस ने स्पष्ट कहा था, “मैं कैथोलिक नहीं हूं और धर्म परिवर्तन करने का कोई इरादा नहीं रखती।” उन्होंने बताया कि उनके बच्चों को धर्म चुनने की आज़ादी दी गई है “हमने बच्चों को कैथोलिक स्कूल में भेजा है, लेकिन यह उनका निर्णय है कि वे बपतिस्मा लेना चाहते हैं या नहीं। हमारे बड़े बच्चे ने लिया है, अब देखेंगे कि दूसरा क्या करता है।” उषा ने यह भी बताया कि बच्चों को हिंदू परंपराओं से जोड़े रखने के लिए उन्हें धार्मिक किताबें दी जाती हैं, भारत यात्रा कराई जाती है और उन्हें कई हिंदू मित्रों और रिश्तेदारों से जोड़ा गया है।
इस विवाद पर हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (HAF) ने भी प्रतिक्रिया दी। संगठन ने ‘X’ पर लिखा, “अगर आपकी पत्नी ने आपको अपने धर्म में दोबारा जुड़ने के लिए प्रेरित किया, तो क्या आप भी हिंदू धर्म को समझने की कोशिश नहीं कर सकते? हिंदू धर्म किसी को अपने जैसा देखने या धर्म बदलवाने की आवश्यकता नहीं रखता। यह समावेशी और बहुलतावादी है।” HAF ने आगे कहा कि उपराष्ट्रपति के रूप में वेंस को हिंदू धर्म के सकारात्मक प्रभाव और हिंदुओं के अपने धर्म का पालन करने के अधिकार को भी स्वीकार करना चाहिए।
