चीन से तंग आई दुनिया, जापान में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने खोला जिनपिंग के खिलाफ मोर्चा (Video)

punjabkesari.in Monday, Jun 29, 2020 - 11:48 AM (IST)

टोक्योः लद्दाख सीमा विवाद को लेकर भारत-चीन के बीच तनाव चरम पर है। इस मामले को लेकर अमेरिका सहित कई बड़े देश भारत के पक्ष में खड़े हैं और मानते हैं कि चीन जानबूझ कर उकसावे की कार्रवाई कर टेंशन बढ़ा रहा है। दुनिया के कई देश चीन के रवैये से तंग आ चुके हैं। इस बीच रविवार को जापान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। टोक्यो में शिबुया स्टेशन के पास हाचिको की प्रतिमा के सामने खड़े होने वालों में जापानी, भारतीय, ताइवानी, तिब्बतीयन और कई अन्य देशों के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं शामिल थे।

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ये सभी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की विस्तारवादी सोच के खिलाफ सड़क पर उतरे थे। जाहिर है पिछले कुछ सालों में महत्वाकांक्षी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने काफी उग्रता के साथ सभी पड़ोसी देशों के क्षेत्रों पर अतिक्रमण करने की कोशिश की है। चाहे वो जापान हो, फिलीपिंस, वियतनाम, भारत, या भूटान। चीन ने साउथ चाइना सी, ईस्ट चाइना सी पर भी अपना दावा किया है जिसको लेकर आशियान देशों में भी नाराजगी है। दरअसल चीन के लोकतंत्र को खत्म करने की महत्वकांशा के चलते वह दुनिया भर के लिए मुसीबत बना हुआ है।

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राष्ट्रपति शी ने चीन के अंदर भी लोकतंत्र को तो खत्म कर दिया है और पिछले एक साल से हांगकांग में चल रहे विरोध प्रदर्शन और चीनी राष्ट्रपति द्वारा उसे दबाने की कोशिश भी इसी सोच का नतीजा है। हालात यह है कि जिनपिंग के खिलाफ उठने वाले सभी आवाजों को दबा दिया गया है। 1950 तक खूबसूरत और शांति प्रिय कहलाने वाला बौद्ध देश तिब्बत आज चीन के विस्तारवाद का शिकार बन गया है। वहीं ताइवान जैसा प्रोग्रेसिव और एडवांस सोच वाला देश भी चीन की कार्यनीतियों की वजह से काफी दबाव झेल रहा है।

अभी हाल ही में ताइवान ने चीन की शर्त को ठुकराते हुए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की मीटिंग में भाग लेने से मना कर दिया था। जाहिर है ताइवान डब्ल्यूएचओ का सदस्य नहीं है और वह वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में पर्यवेक्षक के तौर पर भाग लेने के लिए कोशिश कर रहा था। चीन ने ताइवान को अपना हिस्सा बताते हुए उसे ऐसा करने से मना कर दिया। जिनपिंग ने अपनी बादशाहत को बरकरार रखने के लिए चीनी कम्यूनिस्ट सिस्टम को भी बरगलाया है। यही वजह है कि आज वहां के नागरिक भी अब इससे पीछा छुड़ाना चाहते हैं।


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Tanuja

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