‘यहां मोबाइल कनेक्टिविटी है, ये ही बात सबसे अच्छी लगी’
punjabkesari.in Friday, Aug 30, 2019 - 05:57 PM (IST)
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से सेना के सद्भावना टूर पर राजधानी आए कश्मीरी छात्रों से जब यह पूछा गया कि उन्हें राजधानी में सबसे अच्छा क्या लगा तो उनकी शिक्षिका ने तुरंत जवाब दिया कि यहां मोबाइल कनेक्टिविटी है, ये ही सबसे अच्छा लगा।’
दरअसल, जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के तंगधार और द्रगमुला और बांदीपुरा जिले के गुरेज सेक्टर के चार कॉलेजों के 25 छात्र और छात्राएं सेना के अधिकारियों के साथ राजधानी के लगभग एक सप्ताह के टूर पर आए हैं। उनके साथ तीन शिक्षक भी आए हैं। यहां साउथ ब्लाक में उन्होंने सेना के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल एसएस हसबनीस से मुलाकात की। लेफ्टिनेंट जनरल हसबनीस ने छात्रों के साथ बातचीत के बाद उन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान किया। इस दौरान जब पत्रकारों ने छात्रों से पूछा कि उन्हें दिल्ली आने पर सबसे अच्छा क्या लगा तो छात्रों के जवाब से पहले उनकी शिक्षिका ने कहा, ‘यहां मोबाइल कनेक्टिविटी है यही सबसे अच्छा लगा। पिछले बीस दिनों से जम्मू-कश्मीर में मोबाइल बंद है और एयरपोर्ट पर उतरते ही नेटवर्क आ गया।’ उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाए जाने के बाद से राज्य में कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई थी। इसके चलते मोबाइल सेवा भी पांच अगस्त से बंद कर दी गयी थी। अब इन पाबंदियों को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है।
छात्रों ने कहा कि कॉलेज बंद होने के कारण उनकी फाइनल परीक्षा स्थगित हो गई हैं जो 19 अगस्त से होनी थी। अब वे घरों में बैठकर कॉलेज खुलने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि इन सब के बीच सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि फाइनल परीक्षा के बाद उन्हें उच्च शिक्षा और नौकरी के लिए राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं की तैयारी करनी है जो नहीं हो पा रही। एक कश्मीरी छात्र युसूफ ने कहा,‘नेशनल लेवल के पेपर तो देश भर के बच्चों के लिए एक जैसे होंगे जिसमें हम उनसे पिछड़ जाएंगे। क्योंकि और जगहों पर तो बच्चे पढ़ रहे हैं और तैयारी कर रहे हैं। लेकिन इंटरनेट न होने के कारण उनकी पढ़ाई में खलल पड़ रहा है। आपको बता दें कि सेना समय-समय पर जम्मू-कश्मीर के छात्रों के लिए सद्भावना टूर का आयोजन करती है। जिसका उद्देश्य म्मू-कश्मीर के छात्रों को देश के विभिन्न हिस्सों में हो रहे विकास कार्यक्रमों और देश की प्रगति से रूबरू कराना होता है।