दिल जीतने की कोशिश में सरकार, पत्थरबाजों के खिलाफ 4500 केस होंगे वापस

punjabkesari.in Tuesday, Nov 21, 2017 - 08:40 PM (IST)

नई दिल्ली: केंद्र के विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा के सुझाव पर अमल करते हुए कश्मीर घाटी में लोगों का दिल जीतने के प्रयास के तहत उन युवकों के विरुद्ध दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे जो पहली बार पथराव में शामिल हुए थे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

शर्मा जब इसी माह के प्रारंभ में घाटी पहुंचे थे तब उनके पास व्यक्तियों एवं संगठनों की ओर से इस बात के लिए ढेरों अनुरोध आए थे कि पथराव में शामिल युवकों के विरुद्ध दर्ज मामले वापस लिए जाएं। अधिकारियों के अनुसार पिछले साल जुलाई से अबतक पत्थरबाजों पर 11,500 मामले दर्ज किए गए हैं।

एक मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद पिछले साल जुलाई में कश्मीर घाटी में हिंसा भड़क गई थी। इन संबंध में 4500 मामले उन युवकों के विरुद्ध दर्ज किए गए जो पहली बार पथराव में शामिल हुए थे। जब इस संबंध में शर्मा से संपर्क किया गया तब उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया लेकिन इतना कहा, ‘‘मेरी कोशिश राज्य में चर्चा शांति की दिशा में मोडऩा है और उसके लिए मुझे युवकों एवं विद्यार्थियों के समर्थन की जरूरत है। ’’

अधिकारियों ने बताया कि इस कदम पर प्रतिक्रिया देखने के पश्चात केंद्र बाकी पत्थरबाजों के खिलाफ दर्ज मामलों की भी राज्य की पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के साथ परामर्श करने के बाद समीक्षा करने को इच्छुक है। उन्होंने बताया कि केंद्र उन युवकों के पुनर्वास पर भी विचार कर सकता है जो आतंकवादी संगठनों से जुड़ गए हैं लेकिन किसी भी नृशंस अपराध में शामिल नहीं हैं।

शर्मा ने यह भी पाया कि घाटी खासकर सर्दियों में बिजली की किल्लत से जूझ रही है ऐसे में इस साल कश्मीर को अतिरिक्त 300 मेगावाट बिजली दी जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है कि अगले साल सर्दी के प्रारंभ से ही 24 घंटे बिजली की आपूर्ति हो। इस परियोजना के क्रियान्वयन के लिए विद्युत मंत्रालय से बातचीत चल रही है।

केंद्र सरकार मुठभेड़ों में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिवारों के लिए अनुग्रहराशि भी बढ़ाएगी। फिलहाल स्थानीय पुलिसकर्मी के शहीद होने पर 40 लाख रुपए दिए जाते हैं। अधिकारियों के अनुसार हाल ही में कश्मीर पर कोरग्रुप की बैठक में इन सभी मुद्दों पर चर्चा हुई थी।

बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने की थी और उसमें रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल हुए थे। राज्य सरकर से केंद्र सरकार के सुझावों के अनुसार पहल करने की उम्मीद है। गृह एवं रक्षा मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारी और खुफिया एजेंसियों के प्रमुख भी इस बैठक में शामिल हुए थे।  


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