PHOTOS- मां है MLA तो बेटा जयपुर का राजा, देखिए कैसे हुआ 18 साल के King का राजतिलक

punjabkesari.in Wednesday, Jul 13, 2016 - 07:57 AM (IST)

जयपुर: जयपुर के पूर्व राजघराने के राजकुमार पद्मनाभ सिंह ने बालिग होते ही महाराजा के तौर पर रियासत का कामकाज संभाला। इस मौके पर पूर्व महाराज के दरबार में 700 ताजीमी सरदार, ठिकानेदार और जमींदारों ने हिस्सा लिया। राजदरबार की इस रस्म को पूरे शाही शानो-शौकत के साथ सिटी पैलेस में मनाया गया। महाराज सवाई पद्मनाभ सिंह अबतक के सबसे छोटे राज प्रमुख बने हैं। 18 साल की उम्र पूरी होने के बाद इन्हें राज प्रमुख बनाया गया है।

महारानी पद्मिनी संभाल रही थीं कामकाज
6 साल पहले पद्मनाभ सिंह 12 साल की उम्र में जयपुर के पूर्व महाराज भवानी सिंह के निधन के बाद राज के उत्तराधिकारी बनाए गए थे, मगर नाबालिग होने की वजह से राजघराने का काम पूर्व महारानी पद्मिनी देवी संभाल रही थीं।

21 तोपों की सलामी
बालिग होने के बाद पद्मनाभ सिंह ने दरबार हाल में अपनी पूर्व रियासत की दरबार लगाई, जहां 700 ताजीमी सरदार, ठिकानेदार, जमींदारों और सेठों ने पूर्व महाराज के नजर पेश किया। ऋद्धि-सिद्धि पोल पर बहन गौरवी ने आरती उतारी और जयगढ़ किले के गार्डों ने सलामी दी।

94 साल पहले हुआ था ऐसा भव्य समारोह
पद्मनाभ सिंह के राजतिलक पर जैसा समारोह हुआ वैसा भव्य समारोह 94 साल पहले हुआ था, तब पद्मनाभ सिंह के नाना पूर्व महाराजा भवानीसिंह को गद्दी पर बैठाया गया था। भवानीसिंह का अप्रैल 2011 में उनका निधन हो गया था। पूर्व महाराजा भवानीसिंह के कोई बेटा नहीं था, इसलिए उन्होंनें बेटी दीया कुमारी के बेटे पद्मनाभ सिंह को 2002 में गोद लिया था।

देश की सेवा करेंगे पद्मनाभ सिंह
राजतिलक के मौके पर पद्मनाभ सिंह ने कहा कि जयपुर की जनता का मैं आभारी रहूंगा और फिलहाल पढ़ाई पर ध्यान दूंगा। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि आगे राजनीति में आकर देश की सेवा करूंगा क्योंकि लोग राजपरिवार की तरफ उम्मीदों से देखते हैं।


ढाई घंटे तक चला ताजपोशी का कार्यक्रम

महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह के 18वें जन्मदिन पर जयपुर के सिटी पैलेस में पारंपरिक रस्मों और समारोह के साथ मनाया गया। महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह की ताजपोशी का कार्यक्रम करीब ढ़ाई घंटे चला और इस दौरान सिटी पैलेस में पुजारियों ने पूजा-अर्चना कराई। समारोह की शुरुआत जयपुर महाराजा के चन्द्र महल के बरामदे में आने से हुई, यहां उनके निजी स्टाफ द्वारा उनकी अगुवानी की गई। इसके बाद प्रायश्चित दान, छाया दान और गौ दान की रस्में हुई। दान की रस्म के बाद पद्मनाभ सिंह सीता राम द्वारा मंदिर गए जहां उन्होंने हवन किया। दोपहर के समय महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह दरबार हॉल गए, जहां उन्हें जयपुर के पूर्व ताजिमी सरदारों, जागीरदारों, ठिकानेदारों और सेठों द्वारा नजर पेश की गई।

लंदन में पढ़ाई कर रहे हैं पद्मनाभ सिंह
राजपरिवार का कहना है कि वो इस तरह से राज प्रमुख इसलिए बनाए गए है, ताकि वे अपनी परंपरा को कायम रख सकें और आने वाली पीढ़ी अपनी संस्कृति को समझे। पद्मनाभ सिंह जयपुर के पूर्व महाराजा ब्रिगेडियर सिंह की बेटी दिया कुमारी की बेटे हैं और फिलहाल लंदन में पढ़ाई कर रहे हैं।


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