इस देश में इंटरनेट चलाना है मुश्किल, सरकार को देना पड़ता है हर घंटे का स्क्रीनशॉट
punjabkesari.in Saturday, Nov 30, 2024 - 01:17 PM (IST)
 
            
            नेशनल डेस्क: आज के दौर में इंटरनेट हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। भारत जैसे देशों में इंटरनेट इस्तेमाल पर कोई खास पाबंदी नहीं है, जहां लोग अपनी जरूरत और बजट के हिसाब से डेटा का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन दुनिया में एक देश ऐसा भी है जहां इंटरनेट का इस्तेमाल करना लगभग नामुमकिन है। यह देश है उत्तर कोरिया, जहां इंटरनेट पर सरकार का पूरी तरह से नियंत्रण है।
सभी के लिए इंटरनेट नहीं, केवल कुछ खास लोगों को ही पहुंच
उत्तर कोरिया में दुनियाभर में इस्तेमाल किए जाने वाले इंटरनेट का एक्सेस आम जनता के लिए पूरी तरह प्रतिबंधित है। वहां एक खास प्रकार का डोमेस्टिक इंटरनेट मौजूद है, जिसे "क्वांगम्यॉन्ग" (Kwangmyong) कहा जाता है। यह इंटरनेट केवल सरकार द्वारा नियंत्रित और सेंसर की गई जानकारी तक ही सीमित है।
सख्त निगरानी और सरकारी नियंत्रण
उत्तर कोरिया में इंटरनेट और टेक्नोलॉजी का उपयोग करना बेहद सीमित है। सरकार इस पर कड़ी नजर रखती है कि लोग क्या देख रहे हैं और क्या साझा कर रहे हैं।
- स्मार्टफोन के उपयोग पर भी निगरानी होती है।
- हर घंटे यूजर्स के फोन का स्क्रीनशॉट लिया जाता है और सरकार को भेजा जाता है।
- इंटरनेट पर सिर्फ वही सामग्री दिखाई जाती है, जिसे सरकार ने मंजूरी दी हो।
सिर्फ सरकारी इंट्रानेट पर निर्भरता
उत्तर कोरिया में इंटरनेट के बजाय सरकार द्वारा नियंत्रित इंट्रानेट सर्विस उपलब्ध है। इस सर्विस पर आम जनता केवल स्थानीय और सेंसर की गई सामग्री देख सकती है। सरकार यह सुनिश्चित करती है कि लोग बाहरी दुनिया की जानकारी तक न पहुंच पाएं।
स्मार्टफोन का बढ़ता उपयोग, लेकिन आजादी नहीं
हाल के वर्षों में उत्तर कोरिया में स्मार्टफोन का उपयोग तेजी से बढ़ा है। हालांकि, स्मार्टफोन पर भी वही सामग्री उपलब्ध होती है, जिसे सरकार ने अनुमति दी हो। लोग आपस में जुड़े तो हैं, लेकिन उनकी हर डिजिटल गतिविधि सरकार की नजरों में रहती है।
लोग आज भी डिजिटल आजादी से वंचित
दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटरनेट के विस्तार पर काम कर रही है, बाकी उत्तर कोरिया के लोग आज भी डिजिटल आजादी से वंचित हैं। वहां की सरकार बाहरी जानकारी पर पूरी तरह से रोक लगाए हुए है, ताकि लोग देश के बाहर की वास्तविकता से अनजान रहें। उत्तर कोरिया का यह सख्त रवैया उसे बाकी दुनिया से अलग करता है और यह सवाल खड़ा करता है कि वहां के लोगों को डिजिटल स्वतंत्रता कब मिलेगी।

 
                     
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                            