ISRO-NASA का साझा मिशन NISAR सफलतापूर्वक लॉन्च, मिलेगी भूकंप, भूस्खलन, मौसम में बदलाव की जानकारी
punjabkesari.in Wednesday, Jul 30, 2025 - 06:34 PM (IST)

नेशनल डेस्कः ISRO और NASA ने मिलकर एक ऐतिहासिक मिशन, NISAR, लॉन्च किया है। यह मिशन शाम 5:40 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से GSLV-F16 रॉकेट के जरिए सफलतापूर्वक शुरू हुआ। NISAR धरती की निगरानी के लिए अब तक का सबसे उन्नत और ताकतवर सिस्टम है, जिस पर दोनों एजेंसियों ने करीब 1.5 बिलियन डॉलर खर्च किए हैं। यह ISRO का सबसे महंगा मिशन और दुनिया का सबसे महंगा अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है।
क्या है NISAR मिशन
NISAR मिशन में NASA का L-band और ISRO का S-band रडार शामिल है, जो हर मौसम और समय में उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें भेज सकेगा। इसका उद्देश्य जमीन धंसने, ग्लेशियर पिघलने, जंगलों के बदलाव और समुद्री किनारों पर हो रहे परिवर्तनों पर नजर रखना है। यह ISRO का 102वां मिशन है और पहली बार GSLV रॉकेट किसी रडार-आधारित Earth Observation Satellite को लॉन्च करेगा। NISAR से प्राप्त डेटा से भूकंप, भूस्खलन, ग्लेशियर पिघलने, जंगलों की कटाई, समुद्री स्तर में बदलाव, हिमालय व ध्रुवीय क्षेत्रों में बर्फ की स्थिति, पहाड़ों के खिसकने, और कृषि पर निगरानी संभव होगी।
NISAR मिशन को तैयार करने में 8 से 10 साल लगे, जिसमें दोनों एजेंसियों ने रडार तकनीक को डिजाइन और टेस्ट किया। GSLV-F16 रॉकेट तीन स्टेज वाला है, जो NISAR को 740 किलोमीटर की पोलर ऑर्बिट में 19 मिनट में पहुंचाएगा।
GSLV-F16/NISAR
— ISRO (@isro) July 30, 2025
Today’s the day!
Launch Day has arrived for GSLV-F16 & NISAR. GSLV-F16 is standing tall on the pad. NISAR is ready. Liftoff today.
🗓️ July 30, 2025
Live from: 17:10 Hours IST
Liftoff at : 17:40 Hours IST
Livestreaming Link: https://t.co/flWew2LhgQ
For more… pic.twitter.com/bIjVJTZyMv
हर 6 दिन में करेगा धरती का हाई-रेजोल्यूशन स्कैन
NISAR हर 6 दिन में पूरी धरती का हाई-रेजोल्यूशन स्कैन करेगा, और इसका डेटा वैश्विक वैज्ञानिक, सरकारें और उद्योग इस्तेमाल कर सकेंगे। यह मिशन क्लाइमेट चेंज को समझने, प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी, शहरी प्लानिंग और कृषि सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।