इशरत जहां एनकाउंटर केस को लेकर आईबी अफसर का बड़ा बयान
punjabkesari.in Wednesday, Mar 02, 2016 - 08:13 AM (IST)

नई दिल्ली: इशरत जहां एनकाउंटर केस में दस्तावेज बदलने के मामले में घिरे चिदंबरम के बाद एक और नया बयान सामने आया है। इशरत केस के समय इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के स्पेशल डायरेक्टर (वेस्ट जोन) रहे सुधीर कुमार ने कहा कि इशरत जहां के लश्कर ए तैयबा से लिंक का आईबी इनपुट सही था। इस इनपुट को तब गुजरात सरकार को भेजा गया था और इसके पहले दो पूर्व गृह सचिव ने भी इस केस पर राजनीतिक दबाव और तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम के सीधे दखल की बात कही थी।
कुमार ने कहा कि कमांड के बी चेन और सरकार को इशरत के लश्कर ए तैयबा लिंक के बारे में चौकन्ना कर दिया गया था और उस दौरान मामले की राजनीति प्रेरित जांच से मैदान में डटे आईबी अफसरों के मनोबल पर असर पड़ा था। उन्होंने कहा कि आईबी की टॉप लीडरशिप और सरकार की वजह से आतंक विरोधी मुहिम को नीचा देखना पड़ा। आतंकवाद पर राजनीति की वजह से आतंक से लड़ने वाली मशीनरी कमजोर होती है।
कुमार ने कहा कि हमें इशरत के लश्कर लिंक के बारे में हेडली की पुष्टि की कोई जरूरत नहीं थी। हम कई स्रोतों से इस बात को जान रहे थे। इशरत जहां और लश्कर के मॉड्यूल दोनों को गुजरात और महाराष्ट्र में मॉनिटर किया जा रहा था। आईबी के तत्कालीन ज्वाइंट डायरेक्टर राजेंद्र कुमार और दूसरे अफसरों ने इस केस में बेहतर काम किया था, लेकिन हमें गलत तरीके से निशाना बनाया गया। वहीं इशरत जहां मुठभेड़ केस में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के राजनीतिक बयानों के बाद पूर्व गृह सचिव जी के पिल्लई ने फिर हमला बोला है।
पिल्लई ने कहा कि चिदंबरम ने गृहमंत्री रहने के दौरान इशरत केस में मुझे बायपास कर मन मुताबिक दोबारा एफिडेविट तैयार करवाया और फिर इसे सुप्रीम कोर्ट में पेश किया। दूसरी ओर हो रहे इन खुलासों के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इशरत जहां एनकाउंटर केस की सभी फाइलों की फिर से जांच करने का फैसला लिया है।
आपको बता दें कि 19 साल की इशरत जहां और उसके तीन साथियों को साल 2004 में अहमदाबाद के पास गुजरात पुलिस ने एक एनकाउंटर में मार दिया था। पुलिस के मुताबिक कि ये सभी लश्कर ए तैयबा से जुड़े आतंकी थे। वे सभी गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने की साजिश पर अमल करने के लिए वहां आए थे।