अहमदाबाद विमान हादसे में बड़ा खुलासा: ‘प्लेन के टेक ऑफ करते ही हो गया था पावर फेल्योर…’
punjabkesari.in Saturday, Jun 21, 2025 - 04:03 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हाल ही में अहमदाबाद में हुए भयावह विमान हादसे की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं, और जांचकर्ताओं की नजर अब एक पांच साल पुरानी ब्रिटेन की विमान दुर्घटना पर भी है। इस अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण के साथ, विशेषज्ञ यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि कहीं इतिहास ने खुद को दोहराया तो नहीं।
ब्रिटेन की 2020 दुर्घटना से संभावित समानता
दरअसल, वर्ष 2020 में लंदन के गैटविक एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही एक Airbus A321 के दोनों इंजन विफल हो गए थे। टेकऑफ के महज 11 मिनट बाद, विमान को इमरजेंसी में वापस लौटना पड़ा। इस घटना की जांच UK की Air Accidents Investigation Branch (AAIB) ने की थी — वही संस्था जो अब अहमदाबाद हादसे की भी गहराई से पड़ताल कर रही है।
अहमदाबाद हादसे में 'पावर फेल्योर' मुख्य संदिग्ध
भारतीय जांच अधिकारियों ने खुलासा किया है कि अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान में टेकऑफ के कुछ ही सेकेंड बाद मुख्य इलेक्ट्रिकल सिस्टम फेल हो गया। प्रारंभिक सबूत — घटनास्थल पर मिला मलबा, वीडियो फुटेज, और तकनीकी रिपोर्ट्स — इस बात की ओर इशारा करते हैं कि बिजली की गड़बड़ी ही हादसे की जड़ हो सकती है।
सिर्फ 625 फीट की ऊंचाई तक पहुंच पाया विमान
विमान हादसे के समय केवल 625 फीट की ऊंचाई तक ही पहुंच सका था, जिससे पायलट को स्थिति संभालने का पर्याप्त समय और अवसर नहीं मिल पाया। जानकार बताते हैं कि यदि विमान 3600 फीट या उससे अधिक ऊंचाई पर होता, तो Boeing 787 Dreamliner में मौजूद manual reversion control system की मदद से उसे सुरक्षित मोड़ा जा सकता था।
DNA टेस्ट से पहचान की कोशिशें, केवल एक यात्री जीवित
विमान में 242 यात्री सवार थे, जिनमें से सिर्फ एक ही व्यक्ति बच पाया। शवों की हालत इतनी गंभीर थी कि उनकी पहचान कर पाना संभव नहीं था। 6 साल से कम उम्र के बच्चों की पहचान तो और भी जटिल हो गई, क्योंकि कई के दांत भी पूरी तरह विकसित नहीं हुए थे, जिससे DNA मिलान मुश्किल हो रहा है।
ब्लैक बॉक्स और डीवीआर गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त
ब्लैक बॉक्स और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) बरामद कर लिए गए हैं, लेकिन दोनों डिवाइस गंभीर क्षतिग्रस्त हैं। अधिकारियों के मुताबिक, उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका भेजने की योजना बनाई जा रही है ताकि वहाँ की उच्च तकनीक प्रयोगशालाओं में उनसे डेटा निकाला जा सके।
टेक्निकल लॉग और मेंटेनेंस रिकॉर्ड की पड़ताल
जांचकर्ता अब विमान के पिछले 24-48 घंटे के तकनीकी लॉग, मेंटेनेंस रिपोर्ट और कैप्टन द्वारा की गई किसी भी शिकायत या अवलोकन का विश्लेषण कर रहे हैं। हादसे से पहले इस विमान ने दिल्ली से पेरिस और फिर टोक्यो की उड़ानें भरी थीं, जिससे इसके सिस्टम पर अतिरिक्त दबाव की भी जांच की जा रही है।
सिंगापुर एयरलाइंस की चुप्पी पर सवाल
इस हादसे में सहयोगी एयरलाइन रही सिंगापुर एयरलाइंस की चुप्पी पर भी अब सवाल उठने लगे हैं। पूर्व मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने सार्वजनिक रूप से इस पर प्रतिक्रिया मांगी है कि क्यों इतनी बड़ी त्रासदी पर साझेदार एयरलाइन ने अब तक कोई बयान नहीं दिया।
Boeing 787 Dreamliner, जिसमें यह हादसा हुआ, अपनी एडवांस्ड इलेक्ट्रिकल और हाइड्रोलिक सिस्टम्स के लिए जाना जाता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि यह विमान एक इंजन पर भी सुरक्षित उड़ान भर सकता है और हाइड्रोलिक फेल्योर की स्थिति में भी पायलट मैन्युअल नियंत्रण हासिल कर सकता है। यही वजह है कि हादसे के कारणों को लेकर सबसे बड़ा सवाल यही है — अगर सिस्टम इतने सक्षम हैं, तो फिर यह चूक कैसे हुई?