सुसाइड मामले में बरी हुई इरोम शर्मिला, इसी महीने बनाएंगी पार्टी

punjabkesari.in Thursday, Oct 06, 2016 - 10:06 AM (IST)

इंफाल: मानवाधिकार कार्यकर्त्ता इरोम शर्मिला को आत्महत्या के प्रयास के मामले में मणिपुर की एक जिला अदालत ने बरी कर दिया है। अदालत के इस फैसले के बाद ‘आइरन लेडी’ ने घोषणा की है कि वह इसी महीने अपनी राजनीतिक पार्टी बनाएगी।इंफाल (पश्चिम) के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लमखानपाओ तोनसिंग ने भारतीय दंड संहिता की धारा 309 (आत्महत्या का प्रयास) के तहत लगे आरोप से उन्हें बरी कर दिया। यह मामला तब का है जब वह अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर थी।

16 साल तक की भूख हड़ताल
मणिपुर से अफ्सपा हटाने की मांग को लेकर शर्मिला 16 सालों तक भूख हड़ताल पर थीं। 44 साल की शर्मिला को निजी मुचलके पर नौ अगस्त को रिहा किया गया था। उसी दिन उन्होंने अपनी भूख हड़ताल खत्म की थी।

कौन है इरोम
आयरन लेडी इरोम का जन्‍म 14 मार्च 1972 में हुआ था। इरोम मणिपुर से आर्म्‍ड फोर्स स्‍पेशल पावर एक्‍ट 1958, जिसे सशस्‍त्र बल विशेषाधिकार कानून को हटाए जाने की मांग पर 2 नवंबर 2000 से भूख हड़ताल शुरू की थी। इस भूख हड़ताल के तीसरे दिन सरकार ने इरोम शर्मिला को गिरफ्तार कर लिया। उन्‍होंने जब भूख हड़ताल की शुरुआत की थी, वे 28 साल की युवा थीं। कुछ लोगों को लगा था कि यह कदम एक युवा ने भावुकता में उठाया है लेकिन समय के साथ इरोम शर्मिला के इस संघर्ष की सच्चाई लोगों के सामने आती गई।

इसलिए की भूख हड़ताल
उन्होंने असम राइफल के जवानों की मुठभेड़ में 10 नागरिकों को मार दिए जाने के खिलाफ यह शुरू किया था। इसके बाद से उन्हें नाक में नली लगाकर ही भोजन दिया जा रहा था। उनके नाम पर अबतक दो रिकॉर्ड दर्ज हो चुके हैं। पहला सबसे लंबी भूख हड़ताल करने और दूसरा सबसे ज्‍यादा बार जेल से रिहा होने का रिकॉर्ड दर्ज है। 2014 में अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस के मौके पर उन्‍हें एमएसएन ने वूमन आइकन ऑफ इंडिया का खिताब दिया था। इरोम शर्मिला ने 1000 शब्दों में एक लंबी ‘बर्थ’ शीर्षक से एक कविता लिखी थी। यह कविता ‘आयरन इरोम टू जर्नी- व्हेयर द एबनार्मल इज नार्मल’ नामक एक किताब में छपी थी। इस कविता में उन्‍होंने अपने लंबे संघर्ष के बारे में बताया था।


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