Mutual Funds: SIP अकाउंट बंद होने का नया रिकॉर्ड, इस महीने 45 लाख SIP अकाउंट बंद...

punjabkesari.in Thursday, Mar 06, 2025 - 12:41 PM (IST)

नेशनल डेस्क: शेयर बाजार में बढ़ती अस्थिरता के कारण निवेशकों ने बड़ी संख्या में म्यूचुअल फंड (MF) के सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) अकाउंट बंद कर दिए हैं। दिसंबर 2024 में 45 लाख SIP अकाउंट बंद हुए, जो अब तक का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। इससे पहले, मई 2024 में 44 लाख SIP अकाउंट बंद हुए थे।

हालांकि, इतनी बड़ी संख्या में SIP बंद होने के बावजूद म्यूचुअल फंड में निवेश प्रभावित नहीं हुआ। दिसंबर 2024 में SIP के जरिए निवेशकों ने रिकॉर्ड ₹26,459 करोड़ की राशि म्यूचुअल फंड योजनाओं में डाली।

SIP अकाउंट बंद होने की बढ़ती संख्या के चलते नए सक्रिय SIP खातों की शुद्ध वृद्धि प्रभावित हुई। दिसंबर में सिर्फ 9 लाख नए SIP अकाउंट जुड़े, जो सात महीनों में सबसे कम रहा।

बाजार की अस्थिरता से नए निवेशक घबराए
टाटा एसेट मैनेजमेंट के चीफ बिजनेस ऑफिसर आनंद वरदराजन के अनुसार, "बाजार में अस्थिरता बढ़ने के कारण नए निवेशकों में घबराहट देखी गई, जिससे SIP बंद करने वालों की संख्या बढ़ी है।"

महामारी के बाद से भारतीय घरों में निवेश का रुझान बदल रहा है। लोग अब पारंपरिक जमा योजनाओं की जगह सीधे शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में निवेश को तरजीह दे रहे हैं।

वैश्विक और भारतीय बाजार में उतार-चढ़ाव
विश्व स्तर पर शेयर बाजार शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। MSCI ग्लोबल इक्विटी इंडेक्स पिछले एक साल में 30% बढ़ा है। हालांकि, भारतीय बाजार में हालात थोड़े अलग हैं। निफ्टी 50 इंडेक्स दिसंबर में लगातार तीसरे महीने गिरावट के साथ बंद हुआ और सितंबर में अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से अब तक 10% से अधिक टूट चुका है।

SIP अकाउंट बंद होने की एक वजह इसका बढ़ता आधार भी है। विशेषज्ञों का मानना है कि SIP डेटा खुदरा निवेशकों के रुझान का प्रमुख संकेतक है, क्योंकि इसमें ज्यादातर व्यक्तिगत निवेशक शामिल होते हैं।

नए SIP खोलने की रफ्तार घटी
जहां एक तरफ SIP अकाउंट बंद होने की संख्या बढ़ी है, वहीं नए SIP खोलने की रफ्तार भी कम हो गई है। जुलाई 2024 में SIP के 73 लाख नए खाते खुले थे, जो दिसंबर में घटकर 54 लाख रह गए।

हालांकि, पूरे 2024 में 2.68 करोड़ नए SIP खाते जुड़े और कुल सक्रिय SIP खातों की संख्या बढ़कर 10.3 करोड़ हो गई। इसकी तुलना में, 2023 में केवल 1.51 करोड़ नए SIP खाते जुड़े थे। यह वृद्धि नए निवेशकों की बढ़ती भागीदारी, विभिन्न एसेट क्लास में बेहतर रिटर्न और रिकॉर्ड स्तर पर नए फंड ऑफरिंग (NFO) के चलते हुई।

म्यूचुअल फंड्स का बाजार में मजबूत योगदान
पिछले साल म्यूचुअल फंड्स ने 70 नए एक्टिव इक्विटी स्कीम लॉन्च कीं, जिनमें से ज्यादातर सेक्टोरल और थीमेटिक फंड थे। वहीं, 130 पैसिव फंड भी पेश किए गए।

SIP निवेश ने हाल के महीनों में विदेशी निवेशकों द्वारा बिकवाली के दबाव के बावजूद भारतीय शेयर बाजार को स्थिर बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई। 2024 में इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम्स में कुल ₹3.9 लाख करोड़ का शुद्ध निवेश हुआ, जिससे म्यूचुअल फंड्स की कुल इक्विटी खरीदारी ₹4 लाख करोड़ के पार पहुंच गई।

म्यूचुअल फंड्स 2022 और 2024 में भारतीय शेयर बाजार के सबसे बड़े संस्थागत खरीदार के रूप में उभरे, जबकि 2023 में वे विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) से थोड़ा पीछे रहे।

 

 

 

 


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Content Writer

Anu Malhotra

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