बांग्लादेश कपड़ा उद्योग पर संकट के बादल

punjabkesari.in Thursday, Jul 07, 2016 - 01:13 PM (IST)

आतंकी संगठन आईएसआईएस ने नया वीडियो जारी करके बांग्लादेश को एक और हमले की धमकी दी है। जबकि राजधानी ढाका में आतंकी हमले को अभी एक हफ्ता भी नहीं हुआ। देश में हत्याओं के दौर और फैल रही अशांति के मद्देनजर कपड़ा उद्योग पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। हाल में हुए आतंकी हमले के बाद जापान और स्वीडन की फ़र्म समेत कई विदेशी कंपनियां असमंजस में हैं। वे कपड़ा उद्योग में अपने निवेश पर फिर से विचार कर रही हैं।

गौरतलब है कि बांग्लादेश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कपड़ा उद्योग है। आंकड़ों के मुताबिक यहां हर साल करीब 21.5 अरब डॉलर का कारोबार होता है। इसके कुल निर्यात का 80 फीसदी इन्हीं कपड़ों के रूप में है, जो ज्यादातर यूरोप और अमेरिका भेजे जाते हैं। इस उद्योग में 40 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है। यदि बांग्लादेश आतंकी गतिविधियों में यूं ही उलझा रहा तो इसकी आंच से कपड़ा उद्योग को बचाना मुश्किल हो सकता है।  

यहां निवेश करने वाली कंपनियां चाहती है कि पहले वे यहां की सुरक्षा स्थिति की निगरानी कर लें। यदि स्थिति असामान्य रही तो वे दूसरे देशों में अपना कारोबार ले जाना शुरू कर देंगी। इस दिशा में उन्होंने कुछ कदम भी उठाए हैं और जापानी कपड़ा कंपनी यूनिक्लो ने बांग्लादेश की अपनी सभी ग़ैर-जरूरी यात्राओं को स्थगित कर दिया है। हाल में ढाका के एक कैफ़े पर हुए हमले में इटली के नौ, सात जापानी, एक अमरीकी और एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई थी।

इस हमले के बाद जापानी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को इस महीने बांग्लादेश की यात्रा से बचने की सलाह दी है। गौरतलब है कि बांग्लादेश में जापान की क़रीब 240 कंपनियां हैं। एहतियात बरतते हुए यूनिक्लो ने वहां मौज़ूद अपने 10 कर्मचारियों को घर पर ही रहने को कहा था। यदि ये कंपनियों तत्काल कदम नहीं उठाएंगी तो उनके कर्मचारियों में दहशत फैल जाएगी और वे स्वदेश भेजने का अनुरोध कर सकते हैं। उनकी सुरक्षा को इन कंपनियों ने प्राथमिकता के आधार पर लिया है।

संभावना जताई गई है कि आतंकी हमले के बाद दुनिया के कुछ पश्चिमी फैशन रिटेलर बांग्लादेश से अपने व्यापारिक समझौतों की सुरक्षा कारणों से समीक्षा कर सकते हैं। ढाका में हुए हमले के बाद बांग्लादेश के कपडा व्यापारियों में इस बात की चिंता है कि सुरक्षा के कारणों से अब उनके देश में आने वाले आयातकों में डर का भाव आ जाएगा। यदि वे नहीं आएंगे तो व्यापारिक आर्डर ठप हो जाएंगे। आतंकी हमले के बाद इस दहशत ने कपड़ा उद्योग से जुड़े लोगों को थर्रा दिया है।

बांग्लादेश गारमेंट इंडस्ट्री इससे पहले भी एक बड़ा झटका झेल चुकी है। करीब तीन साल एक कपडा फैक्टरी की बिल्डिंग गिर जाने से लगभग 1100 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद सुरक्षा कारणों से सरकार ने कई फैक्ट्रियों को बंद कर दिया जिससे व्यापारियों और कई लोगों के सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया। बांग्लादेश गारमेंट मैन्युफैक्चर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन का मानना है कि इससे डरवाना माहौल पहले कभी नहीं देखा गया है। 

एक अन्य झटका सरकार भी दे चुकी है। वह देश की 319 कपडा मिलों को बंद करने की घोषणा कर चुकी है। गैस, बिजली संकट, बैंक ऋण की ऊंची ब्याज दर और अमरीकी डॉलर के अवमूल्यन जैसे कई संकट इसके कारण बताए गए थे। अधिकारियों का मानना है कि इन कारणों से यह उद्योग वैश्विक मुकाबले का सामना न करने में असमर्थ है। और अब आतंकी हमले से उत्पन्न दहशत से उनका चैन उड़ चुका है।

बांग्लादेश गार्मेट मैन्युफैक्चर्स एंड एक्सपोर्ट्स एसोसिएशन (बीजीएमईए) को चिंता है कि पिछले तीन वर्षो में अलग-अलग वजहों से उत्पादन क्षमता में गिरावट आने पर 618 फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं। अब और 319 फैक्ट्रियां बंद हो जाएंगी तो यह संकट और विकराल हो जाएगा। एसोसिएशन पिछले वित्त वर्ष की तरह 2016-17 में कपडा उद्योग के लिए कर को आधा कर 0.3 फीसदी करने की मांग कर रही है। गारमेंट एसेसरीज पर कोई वैल्यू एडेड टैक्स नहीं लगाने का भी सुझाव दिया गया है। अग्निशमन यंत्रों के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति की मांग की गई है, ताकि उद्यमियों को चुनौतियों से निपटने में मदद मिले। राहत की बात यह भी है कि कपड़ा उद्योग से बीते पांच वर्षो में निर्यात 10 फीसदी की औसत से बढ रहा है।

 

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