वर्दी हुई कलंकित: पूछताछ के नाम पर हुई बर्बरता, कहा- साहब! इंस्पेक्टर ने मेरे प्राइवेट पार्ट में...
punjabkesari.in Tuesday, Apr 22, 2025 - 12:53 PM (IST)

नेशनल डेस्क। हरियाणा के पलवल में पुलिस की बर्बरता का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। राजस्थान के एक युवक ने आरोप लगाया है कि पलवल के तत्कालीन शहर थाना प्रभारी (एसएचओ) राधेश्याम ने पूछताछ के दौरान उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया। शिकायत की जांच के बाद हरियाणा पुलिस ने इंस्पेक्टर राधेश्याम को गिरफ्तार कर लिया है जिसके बाद गौ रक्षकों और हिंदू संगठनों ने उनके समर्थन में प्रदर्शन शुरू कर दिया है जिससे मामला और तूल पकड़ रहा है।
पीड़ित ने सुनाई बर्बरता की कहानी
राजस्थान के कोटा जिले के सांगोद गांव निवासी आबिद ने पलवल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) के सामने पेश होकर इंस्पेक्टर राधेश्याम की बर्बरता की आपबीती सुनाई। आबिद तेल मालिश का काम करता है। उसने बताया कि 5 दिसंबर 2024 को वह अपने दोस्त करीम खान के साथ पलवल आया था जहां रामबीर नामक व्यक्ति ने अपने लकवाग्रस्त पिता की सेवा के लिए उन्हें 12 हजार रुपये में बुलाया था।
आबिद का आरोप है कि मालिश करने के बाद रामबीर ने पैसे देने से इनकार कर दिया जिस पर विवाद हुआ और रामबीर ने पुलिस बुला ली। शिकायत के अनुसार पुलिस आबिद को हिरासत में लेकर पहले भवनकुंड चौकी और फिर शहर थाना पलवल ले गई। वहां तत्कालीन एसएचओ राधेश्याम ने उसे विश्राम कक्ष में ले जाकर कपड़े उतरवाए, हाथ-पैर बांधकर बुरी तरह पीटा और आरोप है कि जबरन हरी मिर्च का घोल पिलाया और इंजेक्शन से उसके प्राइवेट पार्ट में भर दिया। इस दौरान चौकी इंचार्ज मनोज कुमार सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने राधेश्याम को रोकने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माने।
यह भी पढ़ें: Instagram का 'AI जासूस'! अब नहीं चल पाएगी चालबाजी, बच्चों की झूठी उम्र का खुलेगा राज
आबिद ने यह भी आरोप लगाया कि राधेश्याम ने एक सिपाही से 500 रुपये देकर आधा किलो हरी मिर्च पिसवाकर उसे जबरन पिलाई। हालत बिगड़ने पर चौकी इंचार्ज मनोज कुमार ही उसे निजी अस्पताल ले गए।
जांच में पुष्टि, इंस्पेक्टर गिरफ्तार
डीएसपी कुलदीप सिंह ने बताया कि पीड़ित आबिद की शिकायत पर एसपी चंद्र मोहन ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच कराई जिसमें आरोपों की पुष्टि हुई। जांच में यह भी सामने आया कि आबिद की गिरफ्तारी से पहले ही उसके साथ मारपीट की गई थी जबकि उसके खिलाफ केस शाम 6:40 बजे दर्ज हुआ था। इन तथ्यों के आधार पर एसएचओ राधेश्याम के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। सीसीटीवी फुटेज, डॉक्टर की मेडिकल रिपोर्ट और अन्य पुलिसकर्मियों के बयानों से भी आरोपों की पुष्टि हुई है।
एसपी चंद्र मोहन ने कहा कि कानून सबके लिए बराबर है और अधिकारों का दुरुपयोग करने वाले किसी भी अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि शिकायत पर 15 अप्रैल को जांच शुरू हुई और 16 अप्रैल को ही आईजी रेवाड़ी रेंज ने राधेश्याम को निलंबित कर दिया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार इंस्पेक्टर राधेश्याम का नाम पहले भी हिरासत में लिए गए आरोपियों से मारपीट के एक साइबर ठगी मामले में आ चुका है जिसकी विभागीय जांच अभी जारी है।
गौ रक्षकों और संगठनों का विरोध
इंस्पेक्टर राधेश्याम की गिरफ्तारी के विरोध में कई हिंदू संगठनों और गौ रक्षा दलों ने पलवल में धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि राधेश्याम एक ईमानदार अधिकारी हैं और उन्हें फर्जी तरीके से फंसाया गया है। उन्होंने पुलिस को दो दिन का समय दिया है और रिहाई न होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। प्रदर्शनकारियों ने पलवल में मार्च निकाला और जिलाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा गरमाया हुआ है।