Major Infrastructure Projects: अरब सागर से जुड़ेगा यह जिला, मिलेंगे रोजगार के नए अवसर, बनेगा इनलैंड पोर्ट
punjabkesari.in Wednesday, Nov 19, 2025 - 09:33 AM (IST)
नेशनल डेस्क। राजस्थान अब सीधे समुद्री कनेक्टिविटी (Maritime Connectivity) से जुड़कर एक बड़ा लॉजिस्टिक हब बनने की तैयारी में है। राज्य का जालोर जिला जल्द ही गुजरात की कच्छ की खाड़ी के माध्यम से सीधे अरब सागर से जुड़ जाएगा। इसके लिए जालोर में एक महत्वाकांक्षी इनलैंड पोर्ट (Inland Port) या जलमार्ग (Water-way) बनाने की कवायद को गति मिली है।
कांडला से जालोर तक बनेगा 262 KM का जलमार्ग
यह परियोजना पिछले डेढ़ दशक से विचाराधीन थी लेकिन अब इसने तेज़ी पकड़ी है। गुजरात के कांडला पोर्ट से लेकर राजस्थान के जालोर तक करीब 262 किलोमीटर लंबा जलमार्ग बनाया जाएगा। इस परियोजना में जलमार्ग को गहरा करने के लिए ₹10,000 करोड़ रुपए से अधिक की ड्रेजिंग (Dredging) पर खर्च प्रस्तावित है। वर्तमान में जालोर तक जलमार्ग बनाने के लिए रास्तों पर अध्ययन किया जा रहा है जिसमें भवातरा-नवलखी मार्ग कांडला क्रिक (लगभग 262 किमी) मार्ग भी शामिल है। परियोजना का पूरा खाका विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) फाइनल होने के बाद ही साफ हो पाएगा।
लॉजिस्टिक पावरहाउस बनने का रास्ता
यह परियोजना राजस्थान को लॉजिस्टिक पावरहाउस (Logistics Powerhouse) में बदल देगी और आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक क्रांति लाएगी:
रोजगार के अवसर: प्री-फिजीबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार इस परियोजना से राजस्थान और गुजरात सहित आसपास के क्षेत्रों में 50,000 से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
व्यापार को बढ़ावा: लूनी-जवाई बेसिन और जालोर-बाड़मेर क्षेत्र में कपड़ा, पत्थर, कृषि उत्पाद, ऑयलसीड, ग्वार, दालें और बाजरा जैसी बड़ी ट्रेडिंग गतिविधियां होती हैं जिन्हें सीधा समुद्री रास्ता मिलेगा। रिफाइनरी परियोजना भी इस क्षेत्र के नजदीक है।
सड़क और रेल पर भार कम: कार्गो का एक बड़ा हिस्सा जलमार्ग से स्थानांतरित होने से सड़क और रेल परिवहन पर भार कम होगा।
उद्योगों के लिए प्रोत्साहन: जलमार्ग से माल ढुलाई क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी और भारी एवं बड़े आकार के माल की आवाजाही सरल होगी जिससे क्षेत्र में नई इंडस्ट्री स्थापित होने के रास्ते खुलेंगे।
