सीमा पर धुलाई, सरहद पार महंगाई, भारतीय सेना की करारी चोट से बेहाल हुआ पाकिस्तान
punjabkesari.in Thursday, May 22, 2025 - 06:29 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पहलगाम आतंकी हमले के एक महीने बाद, भारत की जवाबी कार्रवाई ने पाकिस्तान की आर्थिक कमर तोड़ दी है। 6-7 मई की रात भारत ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइलें दागीं। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने भारत के आर्मी बेस और शहरों पर मिसाइल, ड्रोन और फाइटर जेट से हमले का प्रयास किया, लेकिन भारत ने सभी को हवा में ही ध्वस्त कर दिया। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के 11 आर्मी बेस पर दोबारा मिसाइल अटैक किया, जिससे उसे 1 अरब डॉलर से ज़्यादा का नुकसान हुआ है।
पाकिस्तान में महंगाई बेकाबू: आम जनता त्रस्त-
भारत की इस कार्रवाई का सीधा असर पाकिस्तान की पहले से ही खस्ताहाल अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। 10 मई के बाद से पाकिस्तान में कीमतें तेज़ी से बढ़ी हैं और महंगाई अब आउट ऑफ कंट्रोल हो चुकी है।
मौजूदा समय में पाकिस्तान में खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं:
- दूध: ₹150 प्रति लीटर
- आटा: ₹120 प्रति किलोग्राम
- सरसों का तेल: ₹500 प्रति लीटर
- घी: ₹2800 प्रति किलोग्राम
कई जगहों पर महंगाई के खिलाफ जनता सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रही है।
आवाम भूख से बेहाल-
एक तरफ जहाँ पाकिस्तान की आम जनता महंगाई से बुरी तरह त्रस्त है और भूख से तड़प रही है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर भारत से मिली करारी चोट के बावजूद फील्ड मार्शल की उपाधि पाकर जश्न मना रहे हैं। आटा, चीनी और दाल-चावल खरीदने के लिए बाज़ारों में भीड़ उमड़ रही है। कई स्टोरों पर रोज़मर्रा के ज़रूरत का सामान खत्म हो गया है। झेलम जैसे शहरों में घी, चीनी और कुकिंग ऑयल न होने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
आम जनता की मुश्किलें बढ़ीं-
महंगाई बढ़ने से दुकानदारों और ग्राहकों के बीच दामों को लेकर झड़पें भी सामने आ रही हैं और कई जगहों पर मारपीट की घटनाएं भी रिपोर्ट की गई हैं। पाकिस्तान में 5 किलो आटे का पैकेट ₹560 से ज़्यादा का हो गया है। अच्छी क्वालिटी के चावल ₹275 प्रति किलोग्राम, चना दाल ₹380 प्रति किलोग्राम और बेसन ₹195 प्रति किलोग्राम मिल रहा है।
फलों और सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं; एक किलो सेब की कीमत ₹500 से ज़्यादा हो गई है और एक अंडे की कीमत ₹30 है। बिजली और पानी की किल्लत भी चरम पर है। पाकिस्तान के लोग खाने के लिए तरस रहे हैं, लेकिन मुनीर और शहबाज़ सरकार 'ऑपरेशन सिंदूर' में मिली करारी हार को छिपाकर जनता को जीत का झूठा 'चूरन' बेचने में लगे हैं।