पुण्यतिथि विशेषः इंदिरा गांधी ने अपने 5 बड़े फैसलों से मचाई थी सियासी हलचल
punjabkesari.in Thursday, Oct 31, 2019 - 10:59 AM (IST)
नई दिल्ली: फौलादी इरादों और निडर फैसले लेने वाली देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर की सुबह उनके सिख अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी। इंदिरा गांधी ने 1966 से 1977 के बीच लगातार तीन बार देश की बागडोर संभाली और उसके बाद 1980 में दोबारा इस पद पर पहुंचीं और 31 अक्टूबर 1984 को पद पर रहते हुए ही उनकी हत्या कर दी गई। आईए जानते हैं इंदिरा गांधी के ऐसे अपने 5 बड़े फैसलों के बारे में जिन्होंने सियासी हलचल मचा दी थी।
बैंकों का राष्ट्रीयकरण
19 जुलाई, 1969 को इंदिरा गांधी ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया था। इंदिरा ने देश के बड़े 14 निजी बैंको का राष्ट्रीयकरण (Nationalization) किया था। बता दें कि इन 14 बैंकों में उस समय देश का 70 फीसद धन जमा था। सरकार ने यह निर्णय गरीबों तक बैंक सुविधा पहुंचाने के लिहाज से किया था क्योंकि उस समय बैंक केवल पैसे वालों का ही खाता खोलती थी।
बांग्लादेश का निर्माण
1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध ने दुनिया के नक्शे पर एक और देश को जन्म दे दिया था। जिसका नाम बांग्लादेश (Bangladesh) रखा गया। पाकिस्तान में सैन्य शासकों ने पूर्वी पाकिस्तान में बहुत शोषण किया हुआ था, जिस कारण 1 करोड़ से ज्यादा लोग पाकिस्तान (Pakistan) को छोड़कर भारत आ गए थे। जिस कारण भारत को पाकिस्तान के साथ युद्ध करना पड़ा जिसमें पाकिस्तान को बहुत बुरी हार का सामना करना पड़ा। और पाकिस्तान को अपने 90,000 सैनिकों के साथ समर्पण करना पड़ा।
आपातकाल
इंदिरा गांधी को उनके अच्छे कामों से ज्यादा उनके बुरे कामों के लिए जाना जाता है। आपातकाल (Emergency) उनके उन्हीं सबसे बुरे कामों में से एक हैं इलाहबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में अपने खिलाफ फैसला आने के बाद इंदिरा ने देश में 25 जून 1975 को देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी। जिसके बाद उन्होंने बड़ी संख्या में अपने विरोधियों को गिरफ्तार किया और उन पर जुल्म किए गए। इस दिन का भारतीय लोकतंत्र का काला दिवस कहा जाता है।
प्रिवी पर्स को खत्म करना
प्रिवी पर्स (privy-purse) को खत्म करना इंदिरा गांधी के उन बड़े कामों में से एक है जिसके लिए इंदिरा को काफी विरोध का सामना करना पड़ा था। आजादी के बाद राज परिवारों को एक निश्चित रकम भत्ते के तौर पर दी जाती थी। इसी राशि को प्रिवी पर्स कहा जाता था। इंदिरा ने इसी भत्ते को बंद कर दिया था।
ऑपरेशन ब्लू स्टार (1984)
एक समय पंजाब (punjab) में आतंकवाद (Terrorism) अपने चरम पर था। जनरैल सिंह भिंडरावाला (Jarnail Singh Bhindranwale) सहित कुछ अलगाव वादी भारत के टुकड़े करके पंजाबियों के लिए एक अलग देश बनाना चाहते थे। यह सब आतंकी स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) में छुपे हुए थे इन्हीं आतंकियों को मारने के लिए भारत सरकार ने "ऑपरेशन ब्लूस्टार" (Operation Blue Star) चलाया जिसमें सभी आतंकियों को मार गिराया गया इसी कारण इंदिरा गांधी की हत्या भी हुई थी।