एक किक ने बर्बाद कर दिया इस उभरती हुई खिलाड़ी का करियर

punjabkesari.in Wednesday, Sep 11, 2019 - 02:03 PM (IST)

नई दिल्ली: इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में महज एक किक ने राज्य स्तर की एक उभरती हुई वुशू (किक बॉक्सिंग) नाम की खिलाड़ी का कॅरियर बर्बाद कर दिया। वुशू के परिवार ने मामले की शिकायत आईपी इस्टेट थाने में की थी लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज करने के बजाय परिवार को धक्के ही खिलाए। परेशान पिता जब वरिष्ठ अधिकारियों के पास पहुंचे तो मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रकरण में मंगलवार को पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज की जांच शुरू कर दी है। 

परिवार के साथ दरियागंज इलाके में रहती है पीड़िता 
पुलिस के मुताबिक पीड़िता वुशू परिवार के साथ दरियागंज इलाके में रहती है। वह केंद्रीय विद्यालय में 12वीं कक्षा की छात्रा है। हनी अभ्यास के लिए आईजीआई स्टेडियम में आती है। इसके पिता जय प्रकाश का ट्रांसपोर्ट का कारोबार है। वुशू ने पिछले साल राज्य स्तर की एक प्रतियोगिता में कांस्य पद भी जीता था। 2 जनवरी को शाम चार बजे उसकी फाइट सौरभ नाम के खिलाड़ी से हुई थी। वह उम्र में कुछ साल बड़ा है और इससे पहले कभी उनकी खेल में फाइट नहीं हुई थी। 

क्या है आरोप
आरोप है सौरभ ने जान बूझकर वुशू के पेट में चोट मारी जो इस खेल के नियमों के खिलाफ है। उसे तीन-चार बार उठाकर बुरी तरह पटका गया था। जिस कारण वह गंभीर रूप से जख्मी हो गई। अगले दिन वह इलाज के लिए एलएनजेपी अस्पताल गई, जहां वह 11 जनवरी तक भर्ती रही। जबकि दो दिन वह बोल पाने तक की स्थिति में नहीं थी। हालत में सुधार होने पर डॉक्टर ने वुशू को बताया वह भविष्य में कभी यह गेम नहीं खेल सकती। अगर वह ऐसा करती है तो उसे शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अगर उसने ऐसा करने का प्रयास किया तो उसके शरीर को नुकसान हो सकता है। डॉक्टरों ने उसे बस बैडमिंटन खेलने के लिए कहा।  

वुशू के भाई से हुआ था झगड़ा 
वुशू ने पुलिस को बताया कि इस घटना से पहले आरोपी सौरभ का उसके भाई आशीष के साथ त्यागराज स्टेडियम में झगड़ा हुआ था। वुशू ने दोनों का बीच-बचाव कराया था। इस बात पर सौरभ खासा नाराज था। उसने वुशू और उसके भाई को देख लेने की धमकी दी थी। उस समय हनी ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। चोट लगने के बाद उसे अहसास हुआ कि उसे जानबूझकर ऐसी किक मारी गई है। इस मामले की शिकायत करने पर परिवार को पूरे नौ माह तक थाने से टकराया गया। 


बेटी को इंसाफ दिलवाने के लिए पिता लगा रहा थाने के चक्कर
हनी के पिता जयप्रकाश ने बताया कि बेटी को इंसाफ दिलवाने के लिए उन्होंने आईपी इस्टेट थाने के करीब 40 से 50 चक्कर लगाए। वह मामले में दखल देने के लिए लगातार पुलिस अधिकारियों के संपर्क में रहते थे। लेकिन पुलिस उनको गुमराह करती रही। जय प्रकाश का कहना है कि कोर्ट में मामला पहुंचने पर जज साहब के सामने जरूर पूछेंगे की पुलिस को इस संबंध में मामला दर्ज करने में इतना समय कैसे लगा? पुलिस अधिकारी मामले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। उधर, सेंट्रल डीसीपी मंदीप रंधावा ने बताया कि इस मामले में डॉक्टर की ओपिनियन देर से मिली थी। दो खिलाडिय़ों के बीच प्रैक्टिस करते वक्त यह चोट लगी। पुलिस की ओर से कोई लापरवाही नहीं बरती गई है। 


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Edited By

Anil dev

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