Indigo ने दिव्यांग बच्चे को फ्लाइट में चढ़ने से रोका...तो कंपनी के CEO ने लिया अब ये बड़ा फैसला

punjabkesari.in Wednesday, Jun 01, 2022 - 10:55 AM (IST)

नई दिल्ली: विमानन कंपनी ‘इंडिगो' के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोनोजॉय दत्ता ने कहा है कि कंपनी दिव्यांग यात्रियों, खासकर परेशानी महसूस कर रहे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए एक आंतरिक अध्ययन करेगी। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने रांची हवाईअड्डे पर गत 7 मई को एक दिव्यांग बच्चे को विमान में सवार होने से रोकने के मामले में इंडिगो पर गत सप्ताह पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। 

इंडिगो ने 9 मई को कहा था कि यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए, एक दिव्यांग बच्चे को सात मई को रांची-हैदराबाद उड़ान में सवार होने की अनुमति नहीं दी गई थी क्योंकि वह घबराया हुआ नजर आ रहा था। दत्ता ने कहा कि विमानन कंपनी डीजीसीए के जुर्माना लगाने के फैसले को चुनौती नहीं देगी। 

उन्होंने कहा कि कुछ लोग मुझसे यह सवाल कर रहे हैं-- क्या आप चुनौती देंगे? बिल्कुल नहीं। अधिकारी ने कहा कि विमानन कंपनी डीजीसीए के सुझावों पर गौर करेगी और उन्हें लागू करेगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने कुछ चीजें कहीं हैं। उन्होंने कहा है कि इस प्रकार की स्थिति में हवाई अड्डे पर मौजूद चिकित्सक को बुलाया जाए और हां, हमने इसे हमारी एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) में शामिल किया है कि जब इस प्रकार की स्थिति पैदा हो, हवाई अड्डे पर मौजूद चिकित्सक से हमेशा परामर्श लिया जाए।

डीजीसीए ने कहा है कि इंडिगो को संवेदनशीलता के मामले में अपने कर्मियों को प्रशिक्षित करना चाहिए। दत्ता ने कहा, ‘‘दिव्यांग यात्रियों के प्रबंधन के लिए हम पहले से ही अच्छा प्रशिक्षण देते हैं। हम इसका और व्यापक अध्ययन करेंगे तथा अपने सभी प्रशिक्षकों से बात करेंगे और देखेंगे कि हम क्या सीख सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि डीजीसीए ने जो कहा है, उसका अर्थ है कि आपको यात्री को शांत करने की कोशिश करनी चाहिए।

दत्ता ने कहा कि विमानन कंपनी को इस तरह की स्थितियों में खुद से पूछने की जरूरत है कि वह परेशान यात्री को शांत करने के लिए क्या कर सकती है। उन्होंने कहा कि इसलिए, हम अपना स्वयं का आंतरिक अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विमानन कंपनी के पास लगभग 100 प्रशिक्षक हैं जो चालक दल के सदस्यों और अन्य कर्मियों को इस तरह का विशेष प्रशिक्षण देते हैं। दत्ता ने कहा कि हम उन्हें एक साथ लाएंगे और अपना स्वयं का अध्ययन करेंगे। यह परिणाम है। हम क्या अलग कर सकते हैं? हम ग्राहकों को शांत करने के तरीकों को लेकर कैसे और संवेदनशील हो सकते हैं। हम इन सब पर विचार करेंगे।  

डीजीसीए ने पिछले शनिवार एक बयान में कहा था, 7  मई को रांची हवाईअड्डे पर दिव्यांग बच्चे के साथ इंडिगो के कर्मचारियों का व्यवहार गलत था और इससे स्थिति बिगड़ गई थी।  इसमें कहा गया था कि बच्चे के साथ करुणा का व्यवहार किया जाना चाहिए था और बच्चे की घबराहट दूर कर उसे शांत किया जाना चाहिए था। चूंकि बच्चे को विमान में सवार होने से रोक दिया गया, इसलिए उसके साथ मौजूद माता-पिता ने भी विमान में सवार नहीं होने का फैसला किया था। 

डीजीसीए ने कहा था कि विशेष परिस्थितियों में असाधारण प्रतिक्रिया की आवश्यकता होती है, लेकिन विमानन कंपनी के कर्मचारी ऐसा करने में विफल रहे। उसने कहा था कि भविष्य में इस तरह की स्थिति से बचने के लिए वह अपने स्वयं के नियमों पर फिर से विचार करेगा, जिसमें यात्री को विमान में सवार होने से रोके जाने का निर्णय लेने से पहले यात्री के स्वास्थ्य पर हवाई अड्डे के चिकित्सक की लिखित राय लेना विमानन कंपनी के लिए अनिवार्य किया जाएगा। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anu Malhotra

Recommended News

Related News